केन्याई धर्माध्यक्ष : हमारे देश के युवा भरोसे के हकदार हैं
केन्याई युवाओं द्वारा हाल ही में किए गए राजनीतिक प्रदर्शनों के बाद, देश के धर्माध्यक्षों ने इस बात पर जोर दिया है कि युवा, लोगों के विश्वास के पात्र हैं, साथ ही उन्होंने संवाद, सुनने और कलीसियाओं को पवित्र तथा कभी भी यंत्रीकृत न किये जानेवाले स्थान के रूप में सुरक्षित करने का आह्वान किया है।
केन्याई धर्माध्यक्षों ने याद दिलाया है कि युवा पीढ़ी, जो उनके समाज का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, अंततः केन्या के भविष्य का निर्माण करेगी और उस पर भरोसा किया जाना चाहिए। फिदेस एजेंसी के अनुसार, धर्माध्यक्षों ने यह टिप्पणी तब की जब हाल के सप्ताहों में युवा वर्ग कर वृद्धि के विरोध से परे राजनीतिक प्रदर्शनों में सड़कों पर उतर आया था।
नैरोबी के महाधर्माध्यक्ष : 'हम एक साझा हित से एकजुट हैं'
सबा सबा दिवस पर पवित्र परिवार के महागिरजाघर में युवाओं को दिए गए संदेश में, देश में एक विशेष दिन जब केन्याई लोग स्वतंत्र चुनावों की मांग के लिए 7 जुलाई 1990 के राष्ट्रीय विरोध प्रदर्शन को याद करते हैं, नैरोबी के महाधर्माध्यक्ष फिलिप अर्नोल्ड एन्योलो ने सभी जनजातीय और पक्षपातपूर्ण विभाजनों पर काबू पाने के लिए युवाओं की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "उनका संघर्ष हमें याद दिलाता है कि हम सब एक आम हित, हमारी समान मानवता और केन्या के नागरिक के रूप में हमारी समान पहचान से एकजुट हैं।"
उन्होंने कहा, "वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि हम सभी केन्या को अपनी जनजातीय संबद्धताओं और व्यक्तिगत एजेंडों से अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं," उन्होंने कहा, "वे हमसे निस्वार्थ होने, दूसरों के बारे में अपने जैसा सोचने के लिए कहते हैं, वे हमसे उन अनेक सीमाओं और उपाधियों से परे जाने के लिए कहते हैं जो हमें अलग करती हैं।"
नोंग के धर्माध्यक्ष: वे वैध प्रश्न उठाते हैं
नोंग के धर्माध्यक्ष जॉन ओबाला ओवा, ने फिदेस एजेंसी को बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद यह पांचवाँ सप्ताह, लेकिन, "फिलहाल, चीजें सामान्य होती दिख रही हैं।"
धर्माध्यक्ष ने कहा, "वे युवा लोग हैं जो अपने आदर्शों में विश्वास करते हैं और जो वैध प्रश्न उठाते हैं, वे हमारे समाज की वास्तविक समस्याओं को सामने लाते हैं, आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की लागत, कर, भ्रष्टाचार, उच्च बेरोजगारी दर, यहां तक कि उन युवाओं के बारे भी जो उच्च योग्यता वाले विशेषज्ञ हैं और जो वर्षों तक अध्ययन करने के बावजूद, बिना काम के घर पर रहते हैं।" बिशप ने बताया कि अपनी उचित मांगों को प्राप्त करने के लिए, "उनमें से कई लोगों ने अपने जीवन की सबसे बड़ी कीमत चुकाई है, या घायल हुए हैं।" 8 अगस्त को भी एक बड़े प्रदर्शन की उम्मीद है।
'बहु-क्षेत्रीय संवाद'
धर्माध्यक्षीय समुदाय के प्रमुख सदस्यों ने युवा लोगों के साथ एकजुटता दिखाई है, जिनकी प्रतिबद्धता को कई लोगों ने अधिक न्याय और सामाजिक शांति का बीज कहा है।
नोंग के बिशप जॉन ओबल्ला ओवा ने कहा, "एकता की एक बड़ी भावना है जो केन्या को एक बेहतर देश बनाने की आकांक्षा रखती है," इसलिए उन्होंने समर्थन और प्रतिबद्धताओं के बयान दिए हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा, "हम एक अवधारणा को दोहराते हैं जो हमें बहुत प्रिय है, अर्थात्, "एक बहु-क्षेत्रीय संवाद आवश्यक है।"
गिरजाघर हमेशा पवित्र स्थान बने रहना चाहिए
"एक परिवार में जहाँ असंतोष है, वहाँ सबसे अच्छा समाधान एक-दूसरे से बात करना और सुनना है," उन्होंने कहा, "हम युवा लोगों के बहुत करीब हैं और हमने उनके एवं राजनीतिक नेताओं के बीच संवाद की प्रक्रिया शुरू की है।"
उप-सहारा अफ्रीका के समाजों में, युवा विशाल बहुमत का गठन करते हैं, ऐसे मामलों में जहां वे आबादी के करीब 80 प्रतिशत हैं।
उन्होंने आश्वस्त देते हुए कहा, "हमने युवाओं को दिखाया है कि हमारे गिरजाघर खुले हैं, हम उन्हें आमंत्रित करते हैं कि वे आएं और हमें अपनी समस्याएँ बताएँ," उन्होंने राजनेताओं को आमंत्रित न करने तथा गिरजाघरों को पवित्र स्थान बनाये रखने एवं उनका कभी भी साधन के रूप में उपयोग न करने का अनुरोध दिया।"