कार्डिनल पिज़्ज़ाबाल्ला: नफरत के सामने हमें शांति के शब्दों की जरुरत है
कार्डिनल पियरबतिस्ता पिज्जाबाल्ला, विश्वासियों से 15 अगस्त माता मरिया के स्वर्ग उद्ग्रहण पर्व के दिन संभावित बातचीत के मद्देनजर संघर्ष विराम के लिए कुंवारी माता मरियम की मध्यस्थता में प्रार्थना करने हेतु एकत्रित होने के लिए आमंत्रित किया। मध्य पूर्व में युद्ध निराशा और पीड़ा का कारण बना हुआ है।
येरुसालेम के लैटिन प्राधिधर्माध्यक्ष, कार्डिनल पियरबतिस्ता ने विश्वासियों को संबोधित अपने संदेश में माता मरियम की मध्यस्थता से देश में शांति हेतु प्रार्थना की अपील की। इस भयानक युद्ध की शुरुआत के बाद से अब कई महीने बीत चुके हैं। इस संघर्ष के कारण होने वाली पीड़ा और जो कुछ हो रहा है उससे निराशा न केवल निरंतर बनी हुई है, बल्कि घृणा, आक्रोश और अवमाननासे बार-बार भड़कती हुई प्रतीत होती है, जो हिंसा को और बढ़ाती है और समाधान खोजने की संभावना को दूर धकेलती है। वास्तव में, इस संघर्ष के समापन की कल्पना करना कठिन होता जा रहा है, जिसका हमारे लोगों के जीवन पर प्रभाव पहले से कहीं अधिक और अधिक दर्दनाक है। ऐसे लोगों और संस्थाओं को खोजना कठिन होता जा रहा है जिनके साथ भविष्य और शांतिपूर्ण संबंधों के बारे में बातचीत संभव हो सके।
हम सभी इस वर्तमान से कुचले हुए प्रतीत होते हैं, जिसकी विशेषता बहुत अधिक हिंसा और, बेशक क्रोध है। हालाँकि, संघर्ष की धारा को मोड़ने में सक्षम होने के लिए ये दिन महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं। विशेष रूप से 15 अगस्त, जो माता मरियम के स्वर्ग में प्रवेश का पर्व है। कार्डिनल पियरबतिस्ता ने सभी को इस दिन पवित्र मिस्सा समारोह से पहले या बाद में या किसी अन्य उपयुक्त समय पर, कुंवारी माता मरिया की मध्यस्थता से शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित किया।
कार्डिनल पियरबतिस्ता ने लिखा कि सभी पल्लियाँ, मठ और धर्मसंधी समुदाय और अन्य देशों से आये तीर्थयात्री भी देश में शांति हेतु प्रार्थना में एकजुट होकर माता मरियम की मध्यस्ता से प्रार्थना करेंगें। विशेष रूप से जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों के साथ में अपनी प्रार्थना द्वारा एकजुट हों, “हमारे लिए केवल प्रार्थना करना ही बाकी है। घृणा के कई शब्दों को देखते हुए जो अक्सर बोले जाते हैं, हम अपनी प्रार्थना करना चाहेंगे, जिसमें मेल-मिलाप और शांति के शब्द शामिल हैं।”
कार्डिनल पियरबतिस्ता ने 15 अगस्त के लिए माता मरियम की मध्यस्ता प्रार्थना भी भेजा, जो इस प्रकार है।
स्वर्ग में विराजमान हमारी माता से शांति के लिए प्रार्थना
हे ईश्वर की सबसे गौरवशाली माता, स्वर्गदूतों के समूह से ऊपर उठकर, हमारे लिए संत मिखाइल महादूत के साथ और स्वर्ग की सभी दिव्य शक्तियों के साथ और सभी संतों के साथ, अपने सबसे पवित्र और प्यारे बेटे, हमारे ईश्वर और स्वामी से प्रार्थना करें।
इस पवित्र भूमि के लिए, उसकी सभी संतानों के लिए और पूरी मानवता के लिए मेल-मिलाप और शांति का उपहार प्राप्त करें।
आपकी भविष्यवाणी पूरी हो: अभिमानी अपने दिलों की कल्पनाओं में बिखर जाते हैं; शक्तिशाली अपने सिंहासन से उखाड़ फेंके जाते हैं और अंत में, विनम्र को उठाया जाता है; भूखों को अच्छी चीजों से भर दिया जाए, शांतिपूर्ण लोगों को ईश्वर की संतान के रूप में पहचाना जाए और नम्र लोगों को धरती उपहार के रूप में मिले।
येसु मसीह, आपका पुत्र, हमें यह प्रदान करे, जिसने आज आपको स्वर्गदूतों के समूह से ऊपर उठाया, जिसने आपको स्वर्गराज्य के मुकुट से ताज पहनाया और आपको अनन्त वैभव के सिंहासन पर बिठाया। उसे हमेशा के लिए सम्मान और महिमा मिले। आमेन।