कार्डिनल ग्रेसियस ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति का आह्वान किया

मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष सेवानिवृत कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने कश्मीर क्षेत्र पर तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान से स्थायी शांति का मार्ग तलाशने का आह्वान किया है।
"यह शांति का समय है। पुरानी दुश्मनी को खत्म करने का समय है। हमारी कश्मीर में शांति के लिए हार्दिक अपील है। हम एक पूर्ण और निर्णायक समझौते की आशा करते हैं जो न केवल भारत और पाकिस्तान के लिए बल्कि विश्व में शांति के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।" यह बात मुम्बई के ससम्मान सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने फिदेस न्यूज से कही। वे कॉन्क्लेव से पहले आम सभाओं और पोप लियो 14वें के परमाध्यक्षीय काल के उद्घाटन समारोह में भाग लेनेवाले कार्डिनलों में से एक हैं।
कार्डिनल ने पोप लियो 14वें के प्रथम स्वर्ग की रानी प्रार्थना में कहे गए शब्दों को याद करते हुए कहा, "मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा का संतोष के साथ स्वागत किया है और मुझे आशा है कि अगली वार्ता के माध्यम से हम शीघ्र ही एक स्थायी समझौते पर पहुंच सकेंगे।"
कार्डिनल ग्रेसियस ने फिदेस न्यूज को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिलने के बाद विभाजित दो राष्ट्रों के बीच संबंधों के बारे में बताया: "हम भाई हैं, हमारी संस्कृति, परंपराएँ, विचार, भावनाएँ एक हैं।”
उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम एक साथ बैठकर एक-दूसरे की आंखों में आंखें डालकर बातचीत के जरिए कश्मीर क्षेत्र के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करें, जो हमें आजादी के समय से ही परेशान कर रहा है।"
कार्डिनल ने कहा, "यह एक प्राचीन क्षेत्रीय विवाद है, जिसके कारण युद्ध, शोक और पीड़ा उत्पन्न हुई है। अब कई वर्ष बीत चुके हैं और आज राजनीतिक नेताओं में शांति, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति का साहस होना चाहिए। हमें घृणा, आक्रोश और दावों को पीछे छोड़कर अपने लोगों और पूरी मानवता की भलाई के लिए समझौता करना चाहिए।"
कार्डिनल के अनुसार, "दो परमाणु शक्तियों के बीच एक नया युद्ध वास्तव में विश्व के लिए विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है।" इस कारण से, उन्होंने कहा, "मध्यस्थता का प्रस्ताव करना और उसका आयोजन करना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हित में है" जो "इस मोड़ पर आवश्यक प्रतीत होता है, और जिसमें अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख शक्तियाँ शामिल हो सकती हैं या संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा प्रबंधित किया जा सकता है।"
"हालांकि - भारतीय कार्डिनल ने रेखांकित किया - एक कूटनीतिक पहल की तत्काल आवश्यकता है, जो दोनों पक्षों की ओर से तटस्थ समझा जाता है।" कार्डिनल ने याद दिलाया कि कश्मीर विवाद में "धार्मिक कारक" भी है जो शुरू से ही प्रभावशाली रहा है। “कश्मीर एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और भारत एक हिंदू बहुल राष्ट्र है, यह एक ऐसा कारक है जो विवाद की ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लेकिन आज नेताओं का काम धार्मिक राष्ट्रवाद की प्रवृत्ति को त्यागना और यथार्थवाद के साथ शांति को बढ़ावा देना होना चाहिए। यह हमारी आशा है"।
उन्होंने अंत में कहा, "और, क्यों नहीं, यहाँ तक कि धार्मिक स्तर पर एक 'तीसरा' अभिनेता, वाटिकन भी उन लोगों में से हो सकता है जो संवाद और मध्यस्थता को सुविधाजनक बनाते हैं।"