एल्गोरिदम के बीच एक नए मानवतावाद की ओर
स्पेन में संचार माध्यम एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में वाटिकन के संचार माध्याम के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक वरदान है, जो मानवीय बुद्धिमत्ता का स्थान नहीं ले सकती।
स्पेन के सालामान्का में संचार माध्यम एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय संचार माध्याम के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक वरदान है लेकिन यह मानवीय बुद्धिमत्ता का स्थान नहीं ले सकता।
सीमाएं और चुनौतियाँ
12 से 14 नवम्बर कर जारी उक्त अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का शीर्षक: “काथलिक और पोंटिफिकल संस्थाओं में आंतरिक संचार: सीमाएँ और चुनौतियाँ।” सालामान्का के परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय और काथलिक विश्वविद्यालयों के अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, एशिया और ओशिनिया के विश्वविद्यालयीन प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कलीसिया की सेवा हेतु
सालामान्का परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य सान्तियागो दे ला लामा ने समझ के शिल्पकार और मध्यस्थ होने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, "एक काथलिक विश्वविद्यालय के भीतर संवाद का अर्थ है सत्य, सह-जिम्मेदारी और सेवा के बंधन बुनना। इसका अर्थ है एक ऐसे साझा मिशन का हिस्सा होने की भावना को बढ़ावा देना जो व्यक्ति से परे हो।" उन्होंने कहा, "परमधर्मपीठीय और काथलिक संस्थानों में आंतरिक संवाद भी कलीसिया की सेवा करने का एक तरीका है।"
एआई के सदुपयोग पर बल
सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर संचार विभाग के प्रीफेक्ट पाओलो रूफिनी ने प्रतिभागियों को याद दिलाया कि कलीसिया के मूल सिद्धांतों में से एक "संचार" है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संबंध में, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इसे "एक ऐसे उपहार के रूप में देखा जाना चाहिए जिसका उपयोग अच्छे या बुरे के लिए किया जा सकता है।" उन्होंने स्मरण दिलाया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानवीय बुद्धिमत्ता का परिणाम है, न कि उसका प्रतिस्थापन, क्योंकि मानवीय बुद्धि तर्क, हृदय और अनुभूति की क्षमता को जोड़ती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि संचार माध्यम को सत्य और स्वतंत्रता का नेटवर्क होना चाहिये, जो संवाद, विचार-विमर्श और चिन्तन को बढ़ावा दे सके।