अक्टूबर में हुई सिनॉड के प्रमुख नतीजों पर कार्डिनल ग्रेच की नजर

नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु फिलीपीनी सम्मेलन में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, कार्डिनल मारियो ग्रेच ने पिछले अक्टूबर की धर्माध्यक्षीय धर्मसभा (सिनॉड), "प्रेरिताई में एक सिनॉडल कलीसिया" के प्रमुख परिणामों और इस साल के अंत में अगले सत्र के सिनॉड के लिए अपनी आशाओं पर प्रकाश डाला।

पिछले अक्टूबर में रोम में धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की 16वीं साधारण महासभा के पहले सत्र में भाग लेनेवाले सदस्यों की खुशी को साझा करते हुए, कार्डिनल मारियो ग्रेच ने सभा के परिणामों और अक्टूबर में अगले सत्र के लिए अपनी आशाओं पर चर्चा की। कार्डिनल मारियो ग्रेच, धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के महासचिव हैं, जिन्होंने 19 जनवरी को नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु फिलीपीनी सम्मेलन के प्रतिभागियों को मनिला में सम्बोधित किया।

फिलीपींस में होनेवाली समग्र धर्मसभा प्रक्रिया में स्थानीय तैयारियों और अनुभवों के बारे में अधिक जानने में अपनी रुचि व्यक्त करते हुए, कार्डिनल ग्रेच ने अक्टूबर की वैश्विक सभा के तीन पहलुओं के बारे में बात की और बतलाया कि वे एशिया में कलीसिया को कैसे मानते हैं।

सबसे पहले, उन्होंने धर्मसभा की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला, जहाँ धर्मसभा के प्रतिभागी; याजक एवं लोकधर्मी सभी मिश्रित रूप में पॉल षष्ठम सभागार में दस से बारह की संख्या में गोल मेज में बैठे, "मानो एक शादी के रिसेप्शन या किसी बड़े पारिवारिक समारोह में भाग ले रहे हों।" सिनॉड की प्रक्रिया में इस नवीनता ने उनके लिए “बातचीत का महौल” तैयार करने में मदद दी।

तीसरी बात कार्डिनल ग्रेच ने याद की वह है मतदान सदस्यों के रूप में गैर-बिशपों की पूर्ण और समान भागीदारी, जिनमें लोकधर्मी, धर्मसमाजी, उपयाजक और पुरोहित शामिल थे। उन्होंने कहा, “सुनने का अनुभव हमारे अलगाव की भावना को भी दूर करता है। जब लोग हमारी बात सुनने के लिए समय देते और प्रयास करते हैं, तो इससे हमें सराहना मिलने का एहसास होता है। यह साहचर्य का भी पोषण करता और एकजुटता का निर्माण करता है।”

उसके बाद कार्डिनल ग्रेच ने संश्लेषण रिपोर्ट में प्रमुख विषयों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट रेखांकित करता है कि कैसे स्थानीय कलीसियाओं को अपने समुदायों, धार्मिक जीवन और मिशनरी प्रयासों में युवाओं के साथ बेहतर जुड़ाव की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि फिलीपींस और सामान्य तौर पर एशिया में काथलिक कलीसिया "युवाओं के लिए बेहतर विकल्प बनाने हेतु महासभा के पहले सत्र के जवाब में सार्वभौमिक कलीसिया को नेतृत्व प्रदान करने के लिए अच्छी तरह तैयार है।" विश्व की अधिकांश युवा आबादी अब एशिया में रहती है।

कार्डिनल ग्रेच ने समझाया कि धर्मसभा के अक्टूबर सत्र के दूसरे परिणाम में "पृथ्वी की पुकार और गरीबों की पुकार को सुनने का आह्वान किया गया है, जो एक ही पुकार है।" संश्लेषण रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कार्डिनल ग्रेच ने इस तात्कालिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि "जो गरीब हैं उनके साथ खड़े होने के लिए हमारे आम घर की देखभाल में उनके साथ शामिल होने की आवश्यकता है... इस पुकार पर प्रतिक्रिया की कमी पारिस्थितिक संकट और जलवायु परिवर्तन को जन्म देती है।" जो खासकर, मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा है।"

उन्होंने फिलीपीन कलीसिया को इस प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया, "इन संबंधों में हम सभी को जागरूक करते हुए, पृथ्वी की पुकार और गरीबों की पुकार का जवाब देने के लिए प्रेरित किया।"

अंततः कार्डिनल ने संश्लेषण रिपोर्ट में मुख्य विषयवस्तु को रेखांकित किया जो हमें सुसमाचार की खुशी को "हमारे दिमाग और दिल में सबसे ऊपर" रखने की याद दिलाता है, "वह खुशी जो सुनने और अच्छी खबर सुनाने  दोनों से मिलती है।"

अक्टूबर 2024 में आगामी दूसरी महासभा के संबंध में, कार्डिनल ग्रेच ने आशा व्यक्त की कि अगले कुछ महीने "हमारी समझ और अनुभव दोनों को गहरा करने का समय होगा कि एक ऐसी कलीसिया में रहना कैसा है जहां मिशन के लिए सह-जिम्मेदारी एक रोजमर्रा का अनुभव है और इसे हल्के में लिया जा सकता है।" इस क्षेत्र में, उन्होंने कलीसिया के मिशन और प्रेरिताई के प्रति अधिक सह-जिम्मेदार दृष्टिकोण की दिशा में व्यावहारिक कदमों पर काम करने का सुझाव दिया, जिसमें सभी विश्वासियों को शामिल होना, साथ ही कलीसिया के दैनिक जीवन में एक सिनॉडल गतिशीलता को शामिल करना है, जिसको हम स्थानीय कलीसिया में सिनॉडालिटी को कैसे समझते और जीते हैं उसके द्वारा गहरा किया जा सकता है।