पोप फ्राँसिस ने देश में युद्ध के 1,000वें दिन को चिह्नित करने के लिए एक यूक्रेनी छात्र द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र को जोर से पढ़ा जिसमें छात्र आग्रह करता है, "जब आप हमारे हज़ार दिनों के दुख की बात करते हैं, तो हमारे हज़ार दिनों के प्यार की भी बात करें।"
जकार्ता में इंडोनेशिया के नागरिक अधिकारियों से मुलाकात के दौरान पोप फ्राँसिस ने राष्ट्र के आदर्श वाक्य “विविधता में एकता” को कायम रखा और काथलिक कलीसिया के अंतरधार्मिक संवाद और नागरिक सद्भाव का समर्थन करने के प्रयासों का वादा किया।
अपनी 45वीं प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन पोप ने इन्डोनोसिया की धरती पर राष्ट्र के आदर्श वाक्य “विविधता में एकता” और काथलिक कलीसिया के अंतरधार्मिक संवाद और नागरिक सद्भाव का समर्थन करने के प्रयासों को ध्यान में रखे हुए एक्स पर तीन संदेश लिखा।
चार प्रशांत देशों की अपनी प्रेरितिक यात्रा के पहले चरण के लिए मंगलवार की सुबह जकार्ता पहुंचने पर, राष्ट्रपति भवन में आधिकारिक स्वागत समारोह की पूर्व संध्या पर बच्चों और प्रवासियों ने पोप फ्राँसिस का स्वागत किया।
पोप फ्राँसिस इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, तिमोर-लेस्ते और सिंगापुर की अपनी प्रेरितिक यात्रा शुरू कर चुके हैं, वे रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से उड़ान भरे।
पोप फ्राँसिस ने अपनी 45वीं प्रेरितिक यात्रा शुरू करते हुए 2 सितम्बर को इंडोनेशिया जानेवाले विमान में पत्रकारों का अभिवादन किया। इस यात्रा में वे पापुआ न्यू गिनी, तिमोर-लेस्ते और सिंगापुर भी जाएंगे।
बुधवार को जकार्ता के "ग्रा पेमुडा" युवा सदन में पोप फ्राँसिस की यात्रा से पहले, स्कोलस ऑकुरेंतेस ने 'हाती इंडोनेशिया', या इंडोनेशिया का हृदय, कलाकृति प्रस्तुत करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया, जिसमें पोप फ्राँसिस अंतिम कृति जोड़नेवाले हैं।
रोम से लगभग 13 घंटों की विमान यात्रा के उपरान्त मंगलवार को पोप फ्राँसिस इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुँचे, जहाँ से वे अपनी 45 वीं एवं सर्वाधिक लम्बी प्रेरितिक यात्रा शुरु कर रहे हैं। 03 से 13 सितम्बर तक जारी रहनेवाली सन्त पापा की यह यात्रा उन्हें इन्डोनेशिया से, पापुआ न्यू गिनी, तिमोर लेस्ते और फिर सिंगापुर ले जायेगी।
पोप फ्राँसिस ने ‘सालुस पोपुली रोमानी’ रोमवासियों की संरक्षिका माता मरियम के आइकन के समक्ष प्रार्थना की, तथा अपनी आगामी प्रेरितिक यात्रा को उनकी देखभाल में सौंप दिया।
पोप फ्राँसिस ने एक स्लोवाक शहीद की धन्य घोषणा की याद करने से पहले, बुर्किना फासो और मध्य पूर्व में हिंसा की निंदा की, पर्यावरण संबंधी कार्रवाई का आग्रह किया तथा एशिया की अपनी आगामी प्रेरितिक यात्रा के लिए प्रार्थना की मांग की।
देवदूत प्रार्थना से पहले, पोप फ्राँसिस ने विश्वासियों को याद दिलाया कि ईश्वर के साथ हमारा संबंध बाहरी हाव-भाव से बढ़कर है और उन्होंने जीवन की पवित्रता, कोमलता एवं प्रेम के आंतरिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
कलीसिया जब 1 सितंबर को सृष्टि की देखभाल के लिए विश्व प्रार्थना दिवस मनाती है, फेडरेशन ऑफ एशियन बिशप्स कॉन्फ्रेंस के मानव विकास कार्यालय के अध्यक्ष भारतीय धर्माध्यक्ष ऑल्विन डी सिल्वा, सृष्टि के अद्भुत उपहार के लिए ईश्वर की स्तुति के महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं।
परिधि पर रहने वालों के साथ निकटता से भाईचारे और मेल-मिलाप को बढ़ावा दें। कपुचिन माइनर धर्मसमाज की 86वीं महासभा के लिए 100 देशों से आये प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, पोप फ्राँसिस ने फ्रांसिस्कन आध्यात्मिकता के तीन मूलभूत आयामों को याद किया: भाईचारा, उपलब्धता और शांति के प्रति प्रतिबद्धता।
पोप फ्राँसिस ने इतालवी इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन कंपनी "तेरना" के सदस्यों को संबोधित किया और स्वच्छ ऊर्जा, पारदर्शिता और नैतिक जिम्मेदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की, तथा आम हित और पर्यावरण के लिए उनके काम के महत्व पर जोर दिया।
वाटिकन में पोप फ्राँसिस के साक्षात्कार हेतु पधारे परमधर्मपीठीय सुसमाचार प्रचार परिषद की पूर्णकालिक सभा में भाग ले रहे सदस्यों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा कि हर कलीसियाई संस्था का दायित्व है कि वह वर्तमान विश्व की वास्तविकताओं और चुनौतियों का उपयुक्त उत्तर देने के लिये तैयार रहे।
पोप फ्राँसिस ने वाटिकन के प्रेरितिक आवास संत मर्था में संयुक्त राज्य अमेरिका के संगठित समुदायों, औद्योगिक क्षेत्र फाउंडेशन- पश्चिम/दक्षिण पश्चिम के नेताओं से मुलाकात की, जिन्होंने संगठित समुदायों के कलीसियाई नेटवर्क (आरईसीओआर) द्वारा की गई प्रगति प्रस्तुत की।
बुधवारीय आम दर्शन समारोह के अंत में, फिलिस्तीन, इज़राइल, "पीड़ित यूक्रेन", म्यांमार और उत्तरी किवु के लिए पोप की एक नई अपील: आइए, हम प्रार्थना करें "कि समुद्र और रेगिस्तान ऐसे स्थान बनें, जहाँ ईश्वर स्वतंत्रता और भाईचारे के रास्ते खोल सकें।"
पोप फ्राँसिस ने रोम में वार्षिक आम सभा के दौरान अरबी क्षेत्रों के लैटिन धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्यों को संबोधित किया, उनसे मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच "आशा को जीवित रखने" की अपील की और उनसे शांति और सुलह के अपने मिशन को जारी रखने के लिए कहा।
शब्द के देहधारण धर्मसंघ के फादर मार्टिन प्राडो के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तीय उत्सुकता से पोप फ्राँसिस की आगामी प्रेरितिक यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।