परिधि पर रहने वालों के साथ निकटता से भाईचारे और मेल-मिलाप को बढ़ावा दें। कपुचिन माइनर धर्मसमाज की 86वीं महासभा के लिए 100 देशों से आये प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, पोप फ्राँसिस ने फ्रांसिस्कन आध्यात्मिकता के तीन मूलभूत आयामों को याद किया: भाईचारा, उपलब्धता और शांति के प्रति प्रतिबद्धता।