सितंबर में तमिलनाडु के करूर में तमिल अभिनेता से नेता बने विजय की एक रैली में 17 महिलाओं और 10 बच्चों सहित कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और 80 से ज़्यादा घायल हो गए। यह रैली लोकतांत्रिक भागीदारी का उत्सव बन सकती थी, जो एक अकल्पनीय त्रासदी में बदल गई।