राई से पोप : सार्वजनिक प्रसारण से आम लोगों की भलाई होनी चाहिए

इतालवी प्रसारण निगम, राई (आरएआई) के प्रबंधकों और कर्मचारियों से मुलाकात करते हुए, पोप फ्राँसिस ने सार्वजनिक भलाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कार्यक्रम और निष्पक्ष जानकारी तैयार करके नागरिकों की सेवा करने के मिशन पर प्रकाश डाला।

पोप फ्राँसिस ने शनिवार को इटली के राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल राई (आरएआई) के कर्मचारियों से मुलाकात की, जो इसकी स्थापना की 70वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। संत पापा ने गौर किया कि “राई ने अपनी स्थापना के बाद से हमेशा संत पेत्रुस के उत्तराधिकारियों के कदमों का बारीकी से अनुसरण किया है।”

पोप ने राई टीवी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “इन सभी वर्षों में, इसने (राई) न केवल हमारे समाज में परिवर्तन की प्रक्रियाओं को देखा है: बल्कि एक समर्थक के रूप में इसने इसे निर्मित भी किया है।”

उन्होंने अपने संदेश में दो शब्दों : “सेवा और सार्वजनिक” पर प्रकाश डाला।

यह एक ऐसा शब्द है जिसे हम अक्सर इसके साधन होने के अर्थ तक सीमित कर देते हैं, जिसके कारण सेवा देने को सेवा किये जाने और समर्पण को प्रयोग करने के साथ मिस्रित करने की संभावना होती है। “हालाँकि, आपके काम का उद्देश्य सर्वोपरि सार्वभौमिक खुलेपन की भावना के साथ नागरिकों की जरूरतों के प्रति प्रतिक्रिया देना है, जिसमें स्थानीयता के बिना पूरे क्षेत्र में व्यक्त होनेवाली कार्रवाई, हर व्यक्ति की गरिमा का सम्मान करना और उसे बढ़ावा देना शामिल है।” उन्होंने कहा कि उनका योगदान, जिसपर सूचना, मनोरंजन, संस्कृति और प्रौद्योगिकी का सटीक प्रभाव पड़ता है सच्चाई और आमहित की सेवा है।

सत्य की सेवा पर जोर देते हुए पोप ने कहा, “सत्य एक है, सामंजस्यपूर्ण है, इसे निजी स्वार्थों से विभाजित नहीं किया जा सकता। जिसका अर्थ है, भ्रामक कटौती से बचना, नागरिकों के लिए सही जानकारी उपलब्ध करना, पूर्वाग्रह से रहित होना, जल्दबाजी में निष्कर्ष नहीं निकालना और बहुलवाद की गारांटी देना जो राय एवं स्रोतों की विविधता का सम्मान करता है। संत जॉन पौल द्वितीय का हवाला देते हुए संत पापा ने कहा, "सच्चाई [...], भले ही हासिल कर लिया गया हो - और यह हमेशा एक सीमित और पूर्ण तरीके से होता है - कभी थोपा नहीं जा सकता। सच्चाई प्रस्तावित है, कभी थोपी नहीं जाती। दूसरों की अंतरात्मा का सम्मान करती, जिसमें ईश्वर की छवि प्रतिबिंबित होती है। केवल हमें दूसरे के सामने सत्य का प्रस्ताव करने की अनुमति देता है, जिसके बाद इसे उत्तरदायित्व के साथ स्वीकार करने की जिम्मेदारी होती है।"

यही कारण है कि मैं आपसे संवाद विकसित करने, एकता के सूत्र बुनने का आग्रह करता हूँ।

पोप ने दूसरे शब्द सार्वजनिक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सबसे पहले इस बात को रेखांकित करता है कि आपका काम आमहित से जुड़ा है, सभी की भलाई, न कि केवल कुछ लोगों की भलाई से। इसमें सबसे पहले निचले तबके, सबसे गरीब, जिनकी कोई आवाज नहीं है, जो त्याग दिए गए हैं, उनपर विचार करने और उन्हें आवाज देने की प्रतिबद्धता शामिल है।
इसी बात पर ध्यान देते हुए राई हर दिन कई इतालवी घरों में प्रवेश करता है। संत पापा ने उन्हें अपने कतव्य के प्रति निष्ठावान बने रहने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, “सच्चा संचार हमेशा आश्चर्यचकित करता है, यह आपको आश्चर्यचकित करता है! संत पापा ने कहा, आप साथ देने, सुख-दुख बांटने, परिवार और समाज में एकता एवं मेल-मिलाप को बढ़ावा देने, सुनने और संवाद करने, सूचित करने और आदर एवं विनम्रता के साथ सुनने के लिए दरवाज़ा खटखटायें। मैं आपको इसी रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, यह खूबसूरत है!”