हमारी माँ हमें विश्वास की शुरुआत और हृदय तक ले जाती है, पोप
दिव्य करुणा रविवार को पोप फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया और विश्वासियों को यूक्रेन, फ़िलिस्तीन और इज़राइल के लिए और शांति की दिशा में काम करने वालों के लिए प्रार्थना करने हेतु प्रेरित किया। प्रभु के शरीरधारण का संदेश के पर्वदिवस पर संत पापा ने विश्वासियों के जीवन में माता मरियम की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
पास्का के दूसरे रविवार अर्थात दिव्य करुणा रविवार के दिन, पोप फ्राँसिस ने वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। इसके उपरांत संत पापा ने अपने रविवारीय धर्मविधि के लिए चयनित संत योहन के सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया, जहाँ पुनर्जीवित प्रभु अपने चेलों के सामने प्रकट होते हैं और उन्हें अपने घाव दिखाते हैं, जो दया एवं क्षमा के माध्यम बन गए हैं। साथ ही संत पापा ने वहाँ उपस्थित विश्वासियों को युद्धरत देशों और विश्व शांति के लिए काम करने वालों के लिए प्रार्थना करने हेतु प्रेरित किया।
इसी के मद्देनजर पोप ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर दो ट्वीट किया।
पहला ट्वीट : “आज के सुसमाचार (योहन 20:19-31) में, पुनर्जीवित प्रभु अपने शिष्यों के सामने प्रकट होते हैं और उन्हें अपने घाव दिखाते हैं, जो दया और क्षमा के माध्यम बन गए हैं। शिष्य देखते हैं कि येसु मृत्यु और पाप को पराजित करते है और जीवन की विजय होती है।” #ईस्टर
दूसरा ट्वीट : “आइए, हम शांति के लिए एक साथ प्रार्थना करें, विशेषकर शहीद यूक्रेन और फ़िलिस्तीन और इज़राइल के लिए। पुनर्जीवित प्रभु का आत्मा उन लोगों को प्रबुद्ध और समर्थन दे जो तनाव कम करने के लिए काम करते हैं और ऐसे कार्यों को प्रोत्साहित करते हैं जो बातचीत को संभव बनाता है।”
8 अप्रैल का ट्वीट
काथलिक कलीसिया सोमवार 8 अप्रैल को प्रभु के शरीरधारण का संदेश का पर्व मना रही है। पोप ने इस दिन ट्वीट कर सभी विश्वासियों के जीवन में माता मरियम की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
ट्वीट संदेश : "माता मरिया का मातृत्व हमें ईश्वर के पिता तुल्य कोमलता की ओर ले जाने वाला सबसे सीधा और आसान मार्ग है। हमारी माँ हमें विश्वास की शुरुआत और हृदय तक ले जाती है, जो एक असीम उपहार है जो हमें प्यारे बच्चे, पिता के प्यार का संदूक बनाती है।" #प्रभु के शरीरधारण की घोषणा
काथलिक कलीसिया पंचाग धर्मविधि अनुसार 25 मार्च को प्रभु के शरीरधारण का संदेश का पर्व मनाती है परंतु इस वर्ष 25 मार्च पवित्र सप्ताह में पड़ने के कारण प्रभु के शरीरधारण के सन्देश का पर्व 8 अप्रैल को मनाया जा रहा है।