पोप : वैश्विक अशांति चिंता का विषय

पोप ने विश्व में युद्धग्रस्त स्थिति को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की और 17 अक्टूबर को शांति स्थापना हेतु उपवास और प्रार्थना का आहृवान किया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने सभों का अभिवादन करते हुए कहा कि मैं इस्रराएल और फिलिस्तीन में हो रही घटनाओं को भरी दुःख से अपने हृदय में वहन करता हूँ। “मैं बहुतों की चिंता करता हूँ...विशेषरुप से बच्चों और बुजुर्गों की। संत पापा ने अपनी अपील को बलपूर्वक दुहराते हुए कहा कि बच्चों, बीमारों, महिलाओं और सभी नागरिकों को रिहा किया जाये तो युद्ध के कारण नहीं हैं। गाजा के प्रांतों में मानवीय अधिकारों का सम्मान किया जाये जहाँ मानवीय गलियारों की गारंटी देना और पूरी आबादी की मदद करना नितांत जरूरी और आवश्यक है।

प्रिय भाइयो एवं बहनों, पोप कहा कि बहुत से लोग मारे गये हैं। “कृपया, अब और निर्दोषों का खून न बहाया जाए, न तो पवित्र भूमि में, न ही यूक्रेन में या कहीं और। बस, युद्ध सदैव पराजय लाती है, हमेशा ही।” प्रार्थना में हम नफरत, आतंकवाद और युद्ध का विरोध करने की सौम्य और पवित्र शक्ति को पाते हैं। “मैं सभी विश्वासियों को पवित्र भूमि में कलीसिया के संग शामिल होते हुए अगले मंगलवार, 17 अक्टूबर को प्रार्थना और उपवास करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।” उन्होंने युद्ध विराम हेतु विश्वासी समुदाय के संग दूत संवाद प्रार्थना की अगुवाई की।

पोप ने नागोर्नो-काराबाख में उत्पन्न हुई संकट की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने विस्थापितों की मानवीय स्थिति के अलावा मठों और पूजा स्थलों की सुरक्षा हेतु विशेष अपील की। मुझे उम्मीद है कि अधिकारियों और स्थानीय निवासियों के संग शुरू करते हुए हम संस्कृति, विश्वास की अभिव्यक्ति और भ्रातृत्व का सम्मान और संरक्षण कर सकते हैं जो हमें मतभेदों की स्थिति में एक साथ रहने को मदद करता है।

पोप ने बालक येसु की संत तेरेसा पर एक प्रेरितिक उद्बोधन के प्रकाशन की घोषणा की जिसका शीर्षक है “चे'एस्ट ला कॉन्फिएन्स”: वास्तव में, जैसा वे कलीसिया की एक महान संत आचार्या हैं, जिन्होंने ईश्वर के दयालु प्रेम पर भरोसा किया, जो वह मार्ग है, जो हमें ईश्वर के हृदय और उसके सुसमाचार की ओर ले चलता है।

इसके उपरांत पोप ने रोम और विश्व के विभिन्न स्थानों से आये हुए तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। उन्होंने चार सौ से अधिक युवा “नुओवी ओरिज़ोंटी” मिशनरियों का अभिवादन किया जो कल से अगले रविवार तक रोम में “स्ट्रीट मिशन” करेंगे। वे युवा सभाओं, स्कूलों, अस्पतालों, जेलों में जाकर सुसमाचार की खुशी की घोषणा करेंगे। संत पापा ने कहा, “ये अच्छे हैं। हम अपनी प्रार्थनाओं के माध्यम उन युवाओं की प्रतिबद्धता का समर्थन करते हैं जो दूसरे युवाओं की मदद करने हेतु आगे आते हैं। इसके साथ ही संत पापा ने यूक्रेन पीड़ितों की याद की और पुनः उनके लिए प्रार्थना का आहृवान किया। और अंत में सभों को रविवारीय  शुभकामनाएं प्रदान करते हुए अपने लिए प्रार्थना का निवेदन किया और सबों से विदा लीं।