पोप लियो 14वें:आइए हम एक साथ मिलकर यह पता लगाएं कि एक मिशनरी कलीसिया कैसे बनें

पोप लियो 14वें ने शनिवार को वाटिकन के कर्मचारियों से मुलाकात कर अपने दैनिक कार्यों में 'विश्वास और प्रार्थनापूर्ण 'घटकों' का भरपूर उपयोग करने की और मिशनरी कलीसिया बनने सलाह दी तथा ईश्वर द्वारा सौंपे गए आम घर की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया।
पोप फ्राँसिस के विश्वपत्र ‘लौदातो सी’ (हे प्रभु तेरी स्तूति हो) की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर पोप लियो 14वें ने सभी विश्वासियों से हमारे आम घर की रक्षा करने, ग्रह के भविश्य का निमार्ण करने हेतु प्रेरित करते हुए सोशल मीडिया के एक्स पर संदेश लिखा।
पहला संदेश : “‘लौदातो सी’ की दसवीं वर्षगांठ मनाते हुए, संत पापा फ्राँसिस का विश्वपत्र हमें इस बात पर बातचीत को नवीनीकृत करने के लिए कहता है कि हम अपने ग्रह के भविष्य का निर्माण कैसे कर रहे हैं, क्योंकि हम टिकाऊ और समग्र विकास की खोज में एकजुट हैं और ईश्वर द्वारा हमें सौंपे गए आम घर की रक्षा करने का ख्याल रखते हैं।”
पोप लियो 14वें ने आज वाटिकन के संत पापा षष्टम सभागार में वाटिकन कर्मचारियों और उनके परिवारों का गर्मजोशी से स्वागत किया और याद दिलाया कि 'विश्वास और प्रार्थना नमक की तरह हैं जो स्वाद देते हैं।' और नियमित रूप से इन प्रमुख तत्वों की ओर रुख करके वे अपने दैनिक कार्यों और जिम्मेदारियों को सर्वोत्तम तरीके से निभा पाएंगे। इसी के मद्देनजर संत पापा ने सोशल मीडिया के एक्स पर 2 संदेश लिखा।
दूसरा संदेश: “आइए हम एक साथ मिलकर यह पता लगाएं कि एक मिशनरी कलीसिया कैसे बनें और दान एवं सच्चाई में समन्वय और एकता की सेवा करें। हममें से प्रत्येक व्यक्ति समर्पण और विश्वास के साथ अपने दैनिक कार्य को पूरा करके योगदान देता है, क्योंकि विश्वास और प्रार्थना भोजन के लिए नमक की तरह हैं - वे इसे स्वाद देते हैं।”
तीसरा संदेश: “जैसा कि पोप फ्राँसिस ने हमें सिखाया है, धैर्य, विनम्रता और यहां तक कि हास्य की एक अच्छी खुराक के साथ अपरिहार्य गलतफहमियों पर काबू पाकर हर कोई एकता को बढ़ावा दे सकता है।”