पोप लियो ने नाबालिगों की सुरक्षा के लिए परमधर्मपीठीय आयोग से मुलाकात की

पोप लियो 14वें ने वाटिकन में नाबालिगों की सुरक्षा के लिए गठित परमधर्मपीठीय आयोग से मुलाकात की।
आयोग को रोमन कूरिया के पुनर्गठन के दौरान, पोप फ्राँसिस ने स्थापित किया था, जो यौन दुर्व्यवहार से नाबालिगों की सुरक्षा और रोकथाम के लिए काम करता है। उन्होंने इसे विश्वास के सिद्धांत के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के अंतर्गत रखा था।
उन्होंने आयोग को याद दिलाया कि पुरोहितों द्वारा यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम करने की स्वतंत्रता उसके पास है और सदस्यों से कहा कि वे सीधे उनसे संपर्क करें।
इसी प्रकार, पोप लियो ने आयोग से अपील की कि वे उनके साथ इस सीधे संवाद को जारी रखें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मामलों में नाबालिगों और कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए अधिकतम प्रयास किए जाए।
कलीसिया ने दुर्व्यवहार के मामलों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें उनके आयोग की स्थापना, कलीसियाई कानून और अन्य साधनों को अद्यतन करना शामिल है जो धर्माध्यक्षों द्वारा दुर्व्यवहार और यौन दुराचार की रिपोर्ट करने के लिए तंत्र प्रदान करते हैं, कुछ अधिकार क्षेत्रों में नागरिक अधिकारियों को अनिवार्य रिपोर्टिंग और राष्ट्रीय दिशा-निर्देश एवं सुरक्षा नवाचार का दायित्व दिया गया है। लेकिन फिर भी, आयोग ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर और अधिक काम करने की आवश्यकता है।
अप्रैल 2022 में, पोप फ्राँसिस ने आयोग से वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि "कलीसिया क्या कर रही है और क्या बदलने की जरूरत है, इसका एक विश्वसनीय विवरण हो, ताकि सक्षम अधिकारियों को कार्य करने में मदद मिल सके।"
वर्ष 2023 में कवर करनेवाली रिपोर्ट, आयोग द्वारा 29 अक्टूबर 2024 को तैयार की गई थी, जिसे चार खंडों में विभाजित किया गया है और इसमें विभिन्न स्थानीय कलीसियाओं और महाद्वीपों की स्थिति, सुरक्षा में रोमन कूरिया की प्रभावशीलता, कलीसिया समाज को सुरक्षा में कैसे सहायता करती है, और आयोग कैसे जवाबदेही और पारदर्शिता का एक साधन प्रदान करता है, इसकी जांच की गई है।