पोप : युद्ध हमेशा गलत है, बच्चे हमें बचायेंगे
दोमेनिको अगास्सो द्वारा संपादित किताब जिसका शीर्षक है, “प्यारे बच्चो...पोप आपके सवालों का उत्तर देते हैं,” में पोप फ्राँसिस ने दुनियाभर के बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी अंतर्दृष्टि प्रदान की है।
इताली भाषा में मोनदादोरी एलेकताकिड्स द्वारा प्रकाशित किताब, जिसका शीर्षक है, “करी बम्बिनी...इल पापा रिसपोंदे अल्ले वोस्त्रे दोमांदे”, महत्वपूर्ण विषयों पर बच्चों की नजर से पोप फ्राँसिस के विचारों की एक झलक प्रस्तुत करता है।
एक हृदयस्पर्शी सवाल स्पेन के 10 साल के दारियो से आता है, जो संत पापा से पूछता है, “क्यों युद्ध हो रहे हैं?” पोप जवाब देते हैं कि युद्ध अक्सर तब होते हैं जब बड़े लोग स्वार्थ, सत्ता और धन के प्रलोभन के आगे झुक जाते हैं। सत्ता की चाह उन्हें संघर्ष की ओर ले जाती है, चाहे इसके लिए जान लेना और दुःख देना क्यों न पड़े। पोप बच्चों को ऐसे संघर्षों के ऐतिहासिक संदर्भ को समझने में मदद करने के लिए "शाही स्वार्थ" शब्द का उपयोग करते हैं, इस बात पर जोर देते हुए कि युद्ध हमेशा गलत होते हैं।
पनामा से 9 साल की इसाबेला ने इस बात के लिए पोप की राय मांगी कि क्या दुनिया में शांति प्राप्त की जा सकती है। पोप फ्राँसिस ने आशा के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुष्टि दी कि शांति संभव है। उन्होंने सभी लोगों से निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध होने, हिंसा को कम करने और सत्ता एवं धन की इच्छा को खत्म करने का आह्वान किया है। पोप का मानना है कि एक-दूसरे के लिए प्रेम को बढ़ावा देकर, विशेष रूप से, जो जरूरतमंद हैं, आक्रामकता और भय कम किया जा सकता है, जिससे कि दुनिया अधिक शांतिपूर्ण और संतुष्ट हो सके।
पोप बच्चों की प्रज्ञा और उनके शुद्ध हृदय को स्वीकार करते हैं। वे गौर करे हैं कि बच्चों में खुलकर और बिना किसी पूर्वाग्रह के सच बोलने की क्षमता होती है। उनकी ईमानदारी माता-पिता सहित वयस्कों को अधिक ईमानदारी और उदारता से जीने में मदद करती है। बच्चे वयस्कों को प्रतिष्ठा या प्रसिद्धि के आधार पर महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बजाय केवल देखभाल करनेवाले के रूप में देखकर, उन्हें विनम्र बनाए रखने में मदद करते हैं। उनकी मासूमियत उन लोगों को निराश कर सकती है जो अत्यधिक अहंकारी हैं।
अपने जवाब के माध्यम से, पोप फ्राँसिस ने प्रकृति और मानव गतिविधि के कारण होनेवाले जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के प्रभाव के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी दी कि ये मुद्दे ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरणीय गिरावट और घातक बीमारियों के प्रसार के कारण मानवता के अस्तित्व को खतरे में डाल सकते हैं। हालाँकि, वे युवाओं की सामूहिक जागरूकता में विश्वास रखते हैं जो भविष्य की सुरक्षा के महत्व को समझते हैं। पोप दैनिक जीवन में संसाधनों के पुनर्चक्रण और संरक्षण जैसे जिम्मेदार व्यवहार को प्रोत्साहित करते हैं। वे ग्रह की देखभाल के लिए अंतरराष्ट्रीय पारिस्थितिक उपायों और व्यक्तिगत प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देते हैं।
शरणार्थी शिविर में रहनेवाला सूडान का 10 वर्षीय सामुएल, कुपोषित दोस्तों के साथ रहने का अपना अनुभव साझा करता है। अपनी कठिन परिस्थितियों के बावजूद, वह अक्सर मुस्कुराता, लेकिन कभी-कभी रोने की इच्छा महसूस करता है। पोप फ्राँसिस के पास उनके लिए सांत्वना के शब्द हैं और उन्होंने अपना विश्वास व्यक्त किया है कि सभी बच्चों को शिक्षा और खेलने एवं मौज-मस्ती करने के लिए जगह मिलनी चाहिए। वे इस विचार की निंदा करते हैं कि अफ्रीका का बिना मदद के शोषण किया जाना चाहिए और सामुएल को बेहतर भविष्य की आशा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, इस उम्मीद के साथ कि अमीर देश कठिनाई का सामना करनेवाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका को पहचानेंगे।
इटली का 10 वर्षीय अलेसांद्रो पोप से उन व्यक्तियों के बारे पूछता है जो गरीब क्षेत्रों के परिवारों के अपने देशों में आने के विचार का विरोध करते हैं। संत ने इसके जवाब में "सामाजिक मित्रता" के महत्व और पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना एक-दूसरे के साथ भाइयों और बहनों के रूप में व्यवहार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। वे बच्चों को समावेशी होने और नए लोगों का स्वागत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिससे सांस्कृतिक और सामाजिक विभाजन को पाटने में मदद मिले। वे दोहराते हैं कि बच्चे एक शक्तिशाली संदेश देते हैं: अलगाव प्रतिकूल है, और विविधता को अपनाने से सार्वजनिक भलाई को बढ़ावा मिलता है।