पोप : मेल-मिलाप मानवता का निर्माण करें

पोप फ्रांसिस ने अंतरराष्ट्रीय काथलिक करिश्माई नवीनीकरण सेवा के प्रतिभागियों को जयंती वर्ष की तीर्थयात्रा के उपलक्ष्य में अपने संदेश प्रेषित किया।

पोप फ्रांसिस ने अंतरराष्ट्रीय काथलिक करिश्माई नवीनीकरण सेवा के प्रतिभागियों को जयंती के उपलक्ष्य में अपना स्नेहिल संदेश प्रेषित करते हुए कहा कि आप जो कलीसिया के क्रेन्द में अपनी जयंती मना रहे हैं, ईश प्रज्ञा और सारे विश्व के लिए आप की निवेदन प्रार्थना ईश्वर को ग्रह्य हो।

पोप ने कहा कि जिस भांति धड़कता हृदय पूरे शरीर के लिए रक्त संचार करता है, उसी भांति आप की चाह केवल कलीसिया के लिए नहीं बल्कि उसके सारे वैश्विक कार्यों के लिए भी खुली हो, जहाँ आप अपने को पोप के निवेदनों के संग विशेषकर शांति और मेल-मिलाप को अपना बनाते हैं। पवित्र आत्मा जो हमारे लिए पुनर्जीवित येसु के उपहार हैं हमें एकता, शांति और भातृत्व में पिरोकर रखें। कलीसिया का उद्देश्य यही है कि हम एक नये और मेल-मिलाप मानवता का निर्माण करें।

पोप ने कहा कि यह अनुभूति सिर्फ आपकी केवल न हो, बल्कि यह सभों की हो। “आप इसे विश्व के संग आशा और शांति के स्रोत स्वरूप साझा करें।” पवित्र आत्मा मानव हृदय को सच्ची शांति प्रदान करते हैं जो हमें अपने परिवारों, समाज और देशों के बिखराव की स्थिति पर विजयी होने में मदद करती है। संत पापा ने अंतरराष्ट्रीय काथलिक करिश्माई नवीनीकरण सेवा के प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे शांति और एकता के शिल्पकार बनें, सदैव समुदाय के निर्माण को बढ़ावा दें जो शुरूआत स्वयं हमारे दलों और समुदायों से होती है।

पोप ने उन्हें शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए कहा कि आपके नेताओं के प्रति आपका सम्मान कभी भी संघर्ष का कारण न बने। दूसरों के साथ, विशेषकर आप पल्ली समुदायों के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहें, ईश्वर आपको भरपूर आशीषों से भर दें।

उन्होंने कहा कि आपकी निकटता के लिए आपका धन्यवाद। “मैं आपके लिए प्रार्थना करता हूँ और आपसे अनुरोध करता हूँ कि कृपया मेरे लिए भी प्रार्थना करते रहें।”