पेरिस सम्मेलन से पोप : एआई के निर्णय लेने पर मानवीय निगरानी सुनिश्चित करें

पोप फ्राँसिस ने पेरिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन सम्मेलन के लिए फ्राँसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को संदेश भेजा है, जिसमें उन्होंने "कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रोग्राम द्वारा बनाये गए विकल्पों पर उचित मानव नियंत्रण के लिए स्थान की सुरक्षा" की तत्काल आवश्यकता दोहरायी है।
पोप फ्राँसिस ने निर्णयकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि मनुष्य एआई की निर्णय लेने की क्षमता पर पर्याप्त नियंत्रण बनाए रखें, तथा समय के साथ मानवीय रिश्तों, सूचना और शिक्षा पर एआई के प्रभावों की जांच करें।
पोप ने ये टिप्पणियाँ मंगलवार को पेरिस में 10-11 फरवरी 2025 को आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट के अवसर पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भेजे संदेश में कीं। पत्र में, संत पापा ने "प्रशंसनीय पहल" और ठोस परिणाम लाने के उद्देश्य से किए गए चिंतन में अधिक से अधिक संख्या में नेताओं और विशेषज्ञों को शामिल करने के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।
एआई पर आवश्यक मानवीय निगरानी की आवश्यकता
पोप ने एक बार फिर इस उपकरण और इसके अच्छे काम करने की क्षमता के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की, साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि अगर एआई पर उचित मानवीय निगरानी नहीं होगी तो "यह मानवीय गरिमा के लिए खतरा पैदा करके अपना सबसे 'भयावह' रूप दिखा सकता है।"
पोप ने कहा, "इसलिए मैं साहस और दृढ़ संकल्प के साथ एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के प्रयासों की सराहना करता हूँ, जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता के ऐसे प्रयोग से लोगों को बचाना है, जो हमारे दृष्टिकोण को संख्याओं में व्यक्त की जा सकनेवाली वास्तविकताओं और पूर्वनिर्धारित श्रेणियों में सीमित कर सकता है।"
हृदय कभी धोखा नहीं दे सकता
संदेश में, पोप ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि शिखर सम्मेलन कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सार्वजनिक हित का एक मंच बनाने के लिए काम करेगा, "ताकि प्रत्येक राष्ट्र अपने विकास और गरीबी के खिलाफ लड़ाई साथ ही अपनी स्थानीय संस्कृतियों और भाषाओं की सुरक्षा के लिए भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता में एक साधन पा सके।"
उन्होंने कहा कि केवल इसी तरह से पृथ्वी पर हर व्यक्ति कृत्रिम बुद्धिमत्ता में योगदान दे पाएगा, ताकि यह "हमारे मानव परिवार की पहचान; सच्ची विविधता और समृद्धि को प्रतिबिंबित करेगा।" पोप ने हाल ही में कम्प्यूटर के संचालन और "हृदय" की शक्ति के बीच किए गए अंतर को याद किया। "जबकि कम्यूटर का उपयोग हेरफेर करने और गुमराह करने के लिए किया जा सकता है," हृदय, जिसे हमारी सबसे गहरी और सबसे प्रामाणिक भावनाओं का केंद्र माना जाता है, "कभी भी धोखा नहीं दे सकता।"
मानवता की भलाई के लिए शक्ति
पोप फ्राँसिस ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता "उन वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के हाथों में एक शक्तिशाली उपकरण बन सकती है जो पृथ्वी, हमारे आमघर की पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देनेवाले अभिनव और रचनात्मक समाधान खोजने में सहयोग करते हैं," जबकि उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि "कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपकरणों के संचालन से जुड़ी ऊर्जा की उच्च खपत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।"
अंत में, पोप फ्राँसिस ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विनियमन के बारे में हितधारकों की आवाज को ध्यान में रखने का आह्वान किया, "जिसमें गरीब, शक्तिहीन और अन्य लोग शामिल हैं, जो अक्सर वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में अनसुने रह जाते हैं।" अंत में, पोप फ्राँसिस ने जोर देकर कहा, "हमारी अंतिम चुनौती हमेशा मानव जाति ही रहेगी। हम इसपर से कभी ध्यान न हटायें!"