पियात्सा सान पियेत्रो पत्रिका को पोप लियो 14 वें का जवाब

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका पियात्सा सान पियेत्रो के सितम्बर माह का अंक पवित्र भूमि में संघर्ष की समाप्ति हेतु संत पापा लियो 14 वें की अपील को समर्पित है। इसी अंक में सन्त पापा ने रोम में चिकित्सा विज्ञान की छात्रा 21 वर्षीय युवती वेरोनिका द्वारा पूछे गये कुछेक प्रश्नों का उत्तर दिया है।
"पाठकों के साथ संवाद"
पत्रिका की शुरुआत हमेशा की तरह "पाठकों के साथ संवाद" खंड से होती है। इसी खंड में वेरोनिका पूछती हैं, "मेरा सपना एक डॉक्टर बनना और लोगों को उनकी बीमारियों से उबरने में मदद करना है," वे लिखती हैं, युद्ध, विनाश और खासकर निर्दोष लोगों की मृत्यु के परिदृश्यों के कारण गहरी चिंता और भ्रम से भरे इस समय में शांति से जीना लगभग असंभव सा लगता है। हमारा भविष्य कैसा है?" "क्या हम एक बेहतर दुनिया की उम्मीद कर सकते हैं? और हम युवा लोग इसे साकार करने के लिए क्या कर सकते हैं?"
उम्मीद न छोड़ें
वेरोनिका को उत्तर देते हुए सन्त पापा लियो ने स्नेही और उत्साहवर्धक लहजे में, सीधे दिल को छू जानेवाले सरल और ठोस शब्दों में जवाब देते हुए लिखाः "हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं, लेकिन इससे हमें एक बेहतर दुनिया की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।" "प्रिय वेरोनिका, सबसे पहले, मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम अपना सपना पूरा करोगी। जिस पेशे की तुम ख्वाहिश रखती हो, वह सबसे नेक कामों में से एक है, खासकर अगर इसे सबसे कमज़ोर और सबसे बदकिस्मत लोगों की सेवा के रूप में अपनाया जाए। उन लोगों के लिए विशेष ध्यान रखते हुए जिनके पास आर्थिक साधन नहीं हैं या जो कठिन परिस्थितियों में जी रहे हैं... तुम्हारे सवाल वही हैं जो तुम्हारे कई साथियों को प्रिय हैं।"
वर्तमान की पीड़ा को स्वीकार करते हुए सन्त पापा ने विश्वास का संदेश दुहराया और कहा: "यह सच है कि हम कठिन समय में जी रहे हैं। बुराई हमारे जीवन पर हावी होती दिख रही है। युद्धों में लगातार अधिक निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद हमें एक बेहतर दुनिया की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।"
भलाई की जीवन जियें
उन्होंने आगे कहा, जैसा कि मैं संत अगस्टीन को उद्धृत करते हुए पहले भी कह चुका हूँ: "यदि हम भलाई का जीवन जियेंगे तो समय भी भला होगा क्योंकि हम ही समय हैं।" उन्होंने कहाः "सचमुच, अगर हम अच्छे हैं तो समय अच्छा होगा! ऐसा होने के लिए, हमें प्रभु येसु पर अपनी आशा रखनी होगी। येसु के द्वारा ही आपके हृदय में जीवन में कुछ महान करने की इच्छा जागृत होती है। वे ही आपको और आपके आस-पास के समाज को बेहतर बनाने की शक्ति देंगे, ताकि हम जिस समय में जी रहे हैं वह सचमुच अच्छा हो सके।"
येसु के साथ मैत्री रखें
रोम के तोर वेरगाता में विगत अगस्त माह में सम्पन्न विश्व के युवा प्रतिनिधियों की जयन्ती के उपलक्ष्य में युवाओं से कहे अपने शब्दों का स्मरण दिलाकर फिर सन्त पापा ने वेरोनिका से कहा, "येसु के साथ अपनी दोस्ती को मज़बूत करें और निश्चिंत रहें।" मुझे अपनी पढ़ाई और अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बताते रहना। मैं तुम्हें तहे दिल से आशीर्वाद देता हूँ।"
वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर द्वारा प्रकाशित इस मासिक पत्रिका के संम्पादक काथलिक पुरोहित फादर एन्सो फोरतूनातो हैं। इसका प्रमुख लक्ष्य समसामयिक वैश्विक घटनाओं पर विचारों के आदान प्रदान से पाठकों को चिन्तन के लिये आमंत्रित करना है।