हांगकांग एकतावर्धक प्रार्थनाः बढ़ते पारिस्थितिकी संकट को संबोधित

हांगकांग में काथलिक कलीसिया और हांगकांग ख्रीस्तीय परिषद ने, पर्यावरण अधिवक्ताओं के साथ, पारिस्थितिक रूपांतरण की तत्काल आवश्यकता पर विचार किया।

हांगकांग में काथलिक और प्रोटेस्टेंट नेताओं ने हाल ही में बढ़ते पारिस्थितिकी संकट को संबोधित करने हेतु ख्रीस्तीय के बीच सहयोगात्मक कार्रवाई का आह्वान करते हुए एकतावर्धक प्रार्थना सभा आयोजित किया।

हांगकांग में काथलिक और प्रोटेस्टेंट नेताओं की विश्वव्यापी प्रार्थना कार्यक्रम  ने विश्वास, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सामाजिक न्याय के बीच अंतर संबंध को बढ़ने पर बल दिया। 

सहायक धर्माध्यक्ष जोसेफ हा ची-शिंग ने उपस्थित लोगों को पर्यावरणीय गिरावट के मूल कारणों की याद दिलाते हुए संत पापा फ्रांसिस के 2015 में प्रकाशित विश्वपत्र लौदातो सी की ओर ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि वे “मानवता की स्वार्थ मानसिकता, संकट संबंधित जागरूकता की कमी, प्रकृति पर हावी होने की चाह और आर्थिक विकास के संबंध में केंद्रित सरकारी नीतियों” से उत्पन्न होते हैं।

उन्होंने कहा, “एक दशक पहले प्रकाशित विश्वपत्र ने हमें पहले ही चेतावनी दी थी कि मानव चेतना को हमारी सामान्य जड़ों और सामूहिक भविष्य की गहरी पहचान की ओर बढ़ना चाहिए ताकि यह जागरूकता नई मान्यताओं, दृष्टिकोण और जीवन शैली को जन्म दे सके।” उन्होंने ख्रीस्तीय समुदाय से आग्रह किया कि वे सृष्टि की देख-रेख करनी की जिम्मेदारी अपने ऊपर लें और ऐसी नीतियों और अंतरधार्मिक सहयोग का हिस्सा बनें जो पर्यावरण देखभाल को प्राथमिकता देती है।

संरक्षण संस्थान की पूर्व मुख्य कार्यकारी लिस्टर चेउंग ने वर्तमान पारिस्थितिकी संकट को आध्यात्मिक संकट से जोड़ते हुए, अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने की जिम्मेदारी पर जोर दिया।

चेउंग ने कहा, “ईसाइयों को चाहिए कि वे अपनी ओर से अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का प्रयास जारी रखें क्योंकि ईश्वर एक सुंदर वातावरण बनाना चाहते हैं।” “ईश्वर ने हर चीज़ के लिए एक चक्र बनाया है, उन्होंने अपशिष्ट का निर्माण नहीं किया है, जो कि हमारे लिए वास्तव में एक संसाधन है।”

हांगकांग के चीनी विश्वविद्यालय में भूगोल और संसाधन प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर एनजी मी-काम ने सामाजिक पदानुक्रम के आधार पर स्वस्थ वातावरण तक असमान पहुंच की आलोचना की तथा एक निष्पक्ष और टिकाऊ समाज हेतु “भूमि के न्याय” को एक महत्वपूर्ण कारक स्वरुप बढ़ावा दिया।

हांगकांग प्रकृति संरक्षण हेतु ख्रीस्तीय सहयोग की यवोन लैम ने ईश्वर की रचना में जटिल संतुलन पर चिंतन करते हुए कहा कि कैसे “सृष्टि में ईश्वर नाजुक चीजों से हमारे संग वार्ता करते हैं, जैसे कि पृथ्वी पर वायु का प्रवाह, वृक्षों का आकार तथा संतुलन और खाद्य श्रृंखला में जीव-जन्तुओं की भूमिका।”

उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए, विशेष रूप से औद्योगिक क्रांति के दौरान, प्रकृति में हेरफेर करने की मानवीय ऐतिहासिक प्रवृत्ति की ओर ध्यान इंगित कराया,  और वफादारी में विनम्रता के साथ ईश्वर के स्थापित आदेश का पालन करने का आग्रह किया।

इस मिलन के अंत में फ्रांसिसकन धर्मबंधु विलियम नग ने प्रकृति को अनुभव करने हेतु पांचों इंद्रियों के उपयोग की बात कही। उन्होंने शरीर में उपस्थित हवा, पानी, भूमि के संग मानवीय संबंध की ओर इंगित करते हुए संत फ्रांसिस आस्सीसी की आध्यात्मिकता पृथ्वी को भाई-बहनों तरह देखने का आहृवान किया।