विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस 2025 का विषय - "प्रवासी: आशा के मिशनरी"

पोप ने सोमवार को ट्वीटकर इस विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के लिए थीम "प्रवासी: आशा के मिशनरी" की जानकारी दी, साथ ही रविवार को पोप ने प्रार्थनाओं और चिकित्सा देखभाल के लिए आभार व्यक्त किया और शांति के लिए निरंतर प्रार्थना करने का आग्रह किया।

पोप फ्राँसिस इस समय जेमेली अस्पताल में भर्ती हैं और अपना स्वास्थ्यलाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसके बावजूद वे अपने काम जारी रखे हुए हैं। सोमवार 3 मार्च को पोप फ्राँसिस ने जेमेली अस्पताल में  सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर इसवर्ष अक्टूबर में होने वाले 111वें विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के लिए चुने गये थीम की जानकारी दी।

संदेश में पोप ने लिखा :  “मैंने 111वें विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के लिए थीम के रूप में "प्रवासी: आशा के मिशनरी" को चुना है। बहुत से प्रवासी एवं शरणार्थी ईश्वर पर अपने भरोसे के माध्यम से आशा की गवाही देते हैं। 2025 जुबली के दौरान विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस अक्टूबर में आयोजित किया जाएगा।” @vaticanIHD

2 मार्च का एक्स संदेश
पोप फ्राँसिस के रविवारीय देवदूत प्रार्थना के दौरान दिये जानेवाले तैयार संदेश को वाटिकन प्रेस कार्यालय ने प्रकाशित किया। रविवार 1 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने जेमेली अस्पताल में  सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर लिखे संदेश में रविवार के सुसमाचार पाठ पर चिंतन प्रस्तुत किया, प्रार्थनाओं और चिकित्सा देखभाल के लिए आभार व्यक्त किया और युद्धरत देशों में शांति के लिए निरंतर प्रार्थना करने का आग्रह किया।

पहला संदेश :  “आज के पाठ (लूकस 6:39-45) में, येसु हमसे कहते हैं कि हम अपनी आँखों को दुनिया को अच्छी तरह से देखने और अपने पड़ोसी का न्याय करने के लिए प्रशिक्षित करें। केवल देखभाल करने वाली इस नज़र से जो निंदा नहीं करती है, भ्रातृत्वपूर्ण सुधार एक सद्गुण बन सकता है।”।

दूसरा संदेश : “मैं आपकी प्रार्थनाओं के लिए आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ, जो दुनिया के कई हिस्सों से इतने सारे विश्वासियों के दिलों से प्रभु तक पहुँचती हैं। मैं आपका सारा स्नेह और निकटता महसूस करता हूँ और, इस विशेष क्षण में, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं ईश्वर के सभी लोगों द्वारा “उठाया”  गया और समर्थित हुआ हूँ।”

तीसरा संदेश :  “मैं आपके लिए भी प्रार्थना करता हूँ। मैं सबसे बढ़कर शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ। यहाँ से, युद्ध और भी बेतुका लगता है। आइए, हम शहीद यूक्रेन, फिलिस्तीन, इज़राइल, लेबनान, म्यांमार, सूडान और किवु के लिए प्रार्थना करें।”