वाटिकन और चेक गणराज्य के बीच समझौता
वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन तथा चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री पेत्र फियाला ने एक नवीन समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं जो चेक गणराज्य में काथलिक कलीसिया के स्वशासन अधिकार को मान्यता देता है तथा सभी लोगों के लिए विवेक, विचार और धर्म पालन की स्वतंत्रता की पुष्टि करता है।
धार्मिक स्वतंत्रता
16-अनुच्छेदों वाला यह समझौता दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है, जिसका खास उद्देश्य “सामान्य भलाई और चेक लोगों के आध्यात्मिक, मानवीय और सांस्कृतिक मूल्यों” की सेवा करना है। दस्तावेज़ धार्मिक स्वतंत्रता और कलीसिया को अपना मिशन सम्पादित करने की क्षमता की पूरी गारंटी देता है।
यह द्विपक्षीय समझौता न केवल काथलिकों के लिए बल्कि सभी लोगों के लिए विचार, धर्म और विवेक की स्वतंत्रता के अधिकार की पुष्टि करता है और कहता है कि धार्मिक आराधना-अर्चना को केवल तब कानून द्वारा विनियमित किया जा सकता है, जब सार्वजनिक व्यवस्था, कल्याण और दूसरों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह बिल्कुल आवश्यक हो।
राज्य और कलीसिया
नवीन समझौता, काथलिक कलीसिया को चेक गणराज्य में अपने नियमों के अनुसार कार्य करने, स्व-शासन करने और स्वतंत्र रूप से अपने धर्माध्यक्षों की नियुक्ति का भी अधिकार देता है। यह सैन्य सेवा और स्वास्थ्य सेवा के संबंध में कर्तव्यनिष्ठ आपत्ति के अधिकार की भी गारंटी देता है; स्वीकारोक्ति की पवित्र मुहर को भी यह सुरक्षा प्रदान करता है।
2021 की जनगणना के अनुसार, चेक गणराज्य की कुल आबादी का 10% काथलिक धर्मानुयायी है। इस समझौते के साथ, कलीसिया को अपने स्वयं के शैक्षिक और धर्मार्थ संगठन बनाने, स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और सेना के लिए प्रेरितिक देखभाल की सुविधा प्रदान करने का अधिकार मजबूत हो गया है।