रोम में 115 देशों से आये धर्मशिक्षकों की जयंती

शुक्रवार, 26 सितंबर से 20,000 से ज़्यादा तीर्थयात्री वाटिकन पहुँचेंगे। रविवार को, संत पापा लियो 14वें पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान करेंगे, जिसके दौरान 39 नए धर्मशिक्षकों को उनके बुलावे के प्रतीक के रूप में क्रूस दिया जाएगा।
धर्मशिक्षकों की जयंती शुक्रवार, 26 सितंबर को रोम में शुरू होगी, जिसमें सुसमाचार प्रचार विभाग के एक बयान के अनुसार, दुनिया भर के 115 देशों से 20,000 से अधिक तीर्थयात्री शामिल होंगे, जिनमें इटली, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, पोलैंड, यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना, ब्राजील, पाराग्वे, मेक्सिको, पेरू, कोलंबिया, फिलीपींस, भारत और ऑस्ट्रेलिया के कई प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे।
यह जयंती शुक्रवार, 26 सितंबर की सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे के बीच संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के पवित्र द्वार पर धर्मशिक्षकों की तीर्थयात्रा के साथ शुरू होगी और शाम 6:30 बजे महागिरजाघऱ में सुसमाचार प्रचार विभाग के प्रो-प्रीफेक्ट मोनसिन्योर रिनो फिसिकेला की अध्यक्षता में एक प्रार्थना सभा के साथ जारी रहेगी।
वचन की आराधना पद्धति के दूसरे भाग में, एम्माउस के शिष्यों के प्रसंग (लूकस 24:13-33अ) पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, तीन धर्मशिक्षकों द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे: इटली से लिलियाना रुस्सो, मोजाम्बिक से पाउलो अगोस्तिन्हो मैटिका, तथा मैक्सिको से एस्टेला इवानजेलिस्टा टोरेस, अपने स्थानीय परिवेश में अपनी प्रेरिताई सेवा की कहानियां सुनाएंगे।
शनिवार, 27 सितंबर को सुबह 10:00 बजे, धर्मशिक्षक संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में संत पापा लियो 14वें के साथ जयंती समारोह में भाग ले सकेंगे। दोपहर 4:00 बजे, मध्य रोम के विभिन्न गिरजाघरों में धर्माध्यक्षों के साथ इतालवी, अंग्रेजी, पुर्तगाली, स्पानी, फ्रेंच और पोलिश भाषाओं में धर्मशिक्षक प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी।
जयंती समारोह का समापन रविवार, 28 सितंबर को संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में सुबह 10:00 बजे संत पापा पवित्र मिस्सा के दौरान 39 नए धर्मशिक्षकों को नियुक्त करेंगे। धर्मशिक्षकों को उनके विशेष बुलावे के प्रतीक के रूप में संत पापा एक क्रूस भी प्रदान करेंगे। ये नए धर्मशिक्षक इटली, स्पेन, इंग्लैंड, पुर्तगाल, ब्राज़ील, मैक्सिको, भारत, दक्षिण कोरिया, पूर्वी तिमोर, संयुक्त अरब अमीरात, फिलीपींस, संयुक्त राज्य अमेरिका, मोज़ाम्बिक, ब्राज़ील, पेरू और दोमिनिकन गणराज्य से आए हैं।