युद्ध में मारे गये बच्चों के लिए पोप का दुःख, युद्धविराम के लिए प्रार्थना

रविवारीय देवदूत प्रार्थना के समापन पर, पोप फ्राँसिस ने क्रिसमस पर सभी युद्ध मोर्चों पर युद्ध विराम का आह्वान किया तथा मोजाम्बिक, पीड़ित यूक्रेन और पवित्र भूमि जैसे देशों के लिए शांति, आशा और मेल-मिलाप का अपना संदेश दोहराया।

पोप ने कहा, “मैं मोजाम्बिक से आनेवाली खबरों पर हमेशा ध्यान और चिंता से नजर रखता हूँ, और मैं वहाँ के प्रिय लोगों के लिए आशा, शांति और मेल-मिलाप का अपना संदेश दोहराना चाहता हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि विश्वास और सदिच्छा से पोषित संवाद और आम हित की खोज, अविश्वास और मतभेद पर विजय प्राप्त करे।”

पोप ने यूक्रेन की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, “संकटग्रस्त यूक्रेन में शहरों पर हमले जारी हैं, जिससे कभी-कभी स्कूलों, अस्पतालों और गिरजाघरों को भी नुकसान पहुंचता है।” उन्होंने कहा, “बंदूकें शांत हों और क्रिसमस संगीत गूंजने लगें! ख्रीस्त जयन्ती सभी युद्ध मोर्चों पर युद्ध विराम लाए, यूक्रेन में, पवित्र भूमि में, पूरे मध्य पूर्व में और पूरे विश्व में।”

भारी दुख के साथ गज़ा की याद करते हुए पोप ने कहा, “मैं गज़ा को बहुत दुःख के साथ सोचता हूँ, वहां की इतनी क्रूरता के बारे में; मशीनगन के निशाने पर बच्चों से लेकर स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी के बारे... कितनी क्रूरता!”

तत्पश्चात् पोप ने रोम तथा विश्व के सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। उन्होंने विसेंशियन धर्म बहनों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “आज सुबह मुझे उन बच्चों और उनकी माताओं के साथ होने का आनंद मिला, जो वाटिकन में विन्सेंशियन धर्मबहनों द्वारा संचालित संत मर्था डिस्पेंसरी में आते हैं।” उन्होंने कहा, “ये धर्मबहनें अच्छी हैं! उनमें एक धर्मबहन सबकी दादी की तरह हैं, सिस्टर अंतोनिएता, जिन्हें वे बड़े प्यार से याद करते हैं। और इन बच्चों ने, जिनकी संख्या बहुत अधिक थी!, मेरा दिल खुशी से भर दिया।” उन्होंने फिर दोहराया: “कोई भी बच्चा गलत नहीं है।”

उसके बाद बालक येसु की प्रतिमा पर आशीष देते हुए कहा, “और अब मैं “बम्बिनेली” (बालक येसु की प्रतिमा) को आशीष देता हूँ, मैं अपना लाया हूँ। प्रिय बच्चो और युवाओ, आप सभी जो शिशु येसु की प्रतिमा यहाँ लाए हैं, और जिन्हें आप घर लौटने पर चरनी में रखेंगे। इस सरल लेकिन महत्वपूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद। मैं आप सभी को, आपके माता-पिता, दादा-दादी, आपके परिवारों को हृदय से आशीर्वाद देता हूँ! और अपने दादा-दादी को न भूलें! इन दिनों किसी को भी अकेला न छोड़ा जाए।

और अंत में उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए, सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।