मध्य पूर्व में बच्चों पर हालिया हिंसा और हमलों पर यूनिसेफ

संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल आपात कोष यूनीसेफ की रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि एक वर्ष से भी कम समय में, फिलिस्तीन राज्य, इज़राएल, लेबनान और कब्जे वाले गोलान हाइट्स में हजारों बच्चे मारे गए हैं तथा क्षेत्र में किसी भी तरह की हिंसा बढ़ने से गंभीर मानवीय परिणाम होंगे।

अनिश्चितता और हिंसा
मध्यपूर्व में यूनीसेफ के  प्रान्तीय निर्देशक आदेले खोद्र ने कहा, “कई मध्य पूर्वी देशों में बच्चे अब पहले से कहीं अधिक कठोर वास्तविकता का सामना कर रहे हैं, वे अनिश्चितता और हिंसा से घिरा जीवन जी रहे हैं।

यूनीसेफ के अनुसार, हाल के महीनों में मध्यपूर्व के कई देशों में हिंसा और हमले सघन हुए हैं, जिससे बच्चों के जीवन पर चौंकाने वाला प्रभाव पड़ा है। कहा गया कि किसी भी हमले की लगभग हर खबर के साथ मरने वालों में बच्चों की भी खबर ज़रूर होती है। एक वर्ष से भी कम समय में, फिलिस्तीन राज्य, इज़राएल, लेबनान और कब्जे वाले गोलान हाइट्स में हजारों बच्चे मारे गए हैं।

इन दुखद मौतों के अलावा, ऐसे और भी किशोर और किशोरियाँ हैं जो घायल हो गये हैं और अपने शरीर पर घावों के साथ-साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य को अथाह क्षति पहुँची है। फिर विस्थापन के कारण कई लोगों ने अपने घर खो दिए हैं और वे निरंतर अनिश्चितता और भय की स्थिति में जीवन यापन करने को बाध्य हैं।

चेतावनी
यूनीसेफ की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि बच्चों की स्थिति काफी खराब होने का ख़तरा है। क्षेत्र में किसी भी तरह की हिंसा बढ़ने से गंभीर मानवीय परिणाम होंगे, जिससे अनेकानेक बच्चों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा, साथ ही  इसका मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की संभावनाओं पर भी दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा। कहा गया कि बच्चों के जीवन और कल्याण की सुरक्षा के लिए तत्काल तनाव कम करना आवश्यक है, क्योंकि विकल्प अकल्पनीय है।

यूनिसेफ सभी पक्षों से तत्काल अधिकतम संयम बरतने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपनी जिम्मेदारियों के अनुरूप नागरिकों और उन आवश्यक सेवाओं की रक्षा करने का आह्वान करता है जिन पर वे अपने अस्तित्व के लिए भरोसा करते हैं। इस तथ्य पर बल दिया गया कि बच्चों को हिंसा से बचाना सभी का कर्तव्य जिसका हमेशा समर्थन किया जाना चाहिए।