पोप फ्राँसिस के 88वें जन्म दिन पर लोगों की शुभकामनाएँ
पोप फ्राँसिस के 88वें जन्म दिवस पर 17 दिसम्बर को कई लोग उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ दे रहे हैं। धर्माध्यक्षों ने संत पापा के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करते हुए प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया है।
इटली के धर्माध्यक्षों ने एक पत्र भेजकर पोप को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ देते हुए लिखा, “आपके 88वें जन्मदिन के अवसर पर, हम आपको स्नेहपूर्वक संबोधित करना चाहते हैं और आपको हमारे सभी समुदायों का आलिंगन भेजना चाहते हैं। आपको हार्दिक शुभकामनाएँ!”
उन्होंने पोप के कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “अपने परमाध्यक्षीय काल में आपने हमें कई बार हृदय के महत्व की याद दिलाई है, इस वर्ष आपने हमें विश्वपत्र "दिलेक्सित नोस" दिया है, जो हमारी दुनिया के लिए एक सच्चा दिशासूचक है, जो अपना रास्ता खो चुकी है, और हिंसा, युद्ध, निराशावाद और उदासीनता के तूफान की दया पर निर्भर है। इस अंधकारमय समय में, जहाँ घृणा और प्रतिशोध के बादल उमड़ रहे हैं, दिशासूचक सुई मसीह की ओर इशारा करती है, जो हमें "स्वस्थ और खुशहाल तरीके से संबंध बनाने एवं इस दुनिया में प्रेम और न्याय का राज्य फैलाने में सक्षम बनाता है।" (दिलेक्सित नोस, 28)
हम मूल पर लौटने में प्रतिबद्ध होना चाहते हैं, ताकि हमारे हृदय से प्रवाहित होनेवाली अच्छाई की प्रेरक शक्ति को पुनः खोजा जा सके, हम "पूरी दुनिया और उन सभी चीजों की ओर अपनी आँखें खोल सकें जिनको लोग मिलकर मानवता को बेहतर बनाने की ओर ले जाने के लिए कर सकते हैं।"
इटली के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने कहा कि हम ख्रीस्त से "प्रेम का पुनर्आविष्कार" करने, सीखना चाहते हैं जो एक बालक के समान कोमल और दुर्बल बन गये, जहाँ प्रेम करने की क्षमता व्यक्तिवाद, दुष्टता और अवमानना से बढ़कर है।
उन्होंने कहा, “हम अपने लोगों के दिल की धड़कन सुनना चाहते हैं, जो कभी-कभी आगे बढ़ने और आशा बनाये रखने का रास्ता पाने में कठिनाई महसूस करती है।” हम उन्हें याद रखना चाहते हैं, यानी, "अपने दिलों में उन सभी को रखना चाहते हैं", जो हाशिये पर हैं, जिनकी कोई आवाज़ नहीं है, जो अकेलेपन, निराशा, पीड़ा का अनुभव करते हैं।
“हम अपने दिलों के पवित्र द्वार को खोलना चाहते हैं ताकि जुबली को बेहतर ढंग से जी सकें, यह अनुग्रह का वर्ष जो हमें दिया गया है, और हमारे कलीसिया को और अधिक मिशनरी एवं अधिक स्वागत करनेवाला बना सकें, जैसा कि राष्ट्रीय धर्मसभा पथ हमसे मांगता है।”
धर्माध्यक्षों ने पोप के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त हुए इटली की कलीसिया की प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया है।