पोप चुने जाने की 12वीं वर्षगाँठ पर पोप फ्राँसिस को लोगों से शुभकामना संदेश

पोप फ्राँसिस आज काथलिक कलीसिया के पोप चुने जाने की 12वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। इस अवसर पर पूरी कलीसिया में एक खुशी का माहौल है और पोप को दुनियाभर से बधाईयाँ दी जा रही हैं।
बधाईयों की सूची में स्थायी धर्माध्यक्ष समिति, अर्मेनिया के राष्ट्रपति, रोम धर्मप्रांत, अल्बानिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन, अर्जेंटीना के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन और पोलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धर्माध्यक्ष शामिल हैं।
अर्जेंटीना के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, मोनसिन्योर मार्सेलो कोलंबो ने पूरे देश के धर्माध्यक्षों को आमंत्रित किया है कि वे अपनी-अपनी कलीसिया के विश्वासियों को बृहस्पतिवार 13 मार्च को पोप फ्राँसिस के पोप चुने जाने की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर उनके उदार समर्पण के लिए आभार व्यक्त करते हुए ख्रीस्तयाग में भाग लें और उनके शीघ्र स्वास्थ्यलाभ के लिए प्रार्थना करें।
पोलिश धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 400वीं आमसभा जो 13 मार्च को ही आयोजित की गई है, पोप फ्राँसिस को अपनी शुभकामनाएँ एवं प्रार्थनाएँ अर्पित की हैं।
पोलैंड के प्रेरितिक राजदूत अंतोनियो गुइदो फिलिपाज़ी ने पोप फ्राँसिस और उनके मतलबों के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया है। वे अपने संदेश में लिखते हैं, “पोप, 12 वर्ष पहले कलीसिया को यह समाचार मिला था कि उसे एक बार फिर एक साथी मिल गया है। पवित्र आत्मा ने आपको पेत्रुस के उत्तराधिकारी के रूप में चुना है। इस पूरे समय में, असीसी के संत फ्राँसिस के पदचिन्हों पर चलते हुए, आपने हमें ईश्वर और लोगों से प्रेम करना सिखाया, विशेषकर, उनसे जो सबसे अधिक जरूरतमंद हैं। अपने चुनाव की शाम, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित शहर और विश्व के श्रद्धालुओं के समक्ष झुककर आपने उनसे प्रार्थना करने का आग्रह किया था। आज भी, मसीह के साथ दुःखों का क्रूस उठाते हुए, आपको हमारी प्रार्थनाओं की आवश्यकता है। हमें पूरा विश्वास है कि एक पिता के रूप में आप हम कलीसिया के पुत्रों और पुत्रियों के लिए अपना कष्ट सह रहे हैं। हम आपको अपनी निकटता और प्रार्थनाओं के उपहार का आश्वासन देते हैं। जब हम संत पेत्रुस के सिंहासन के लिए आपके चुनाव की 12वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, हम आपसे इन शब्दों तथा हमारी शुभकामनाओं को स्वीकार करने का अनुरोध करते हैं ताकि हम आशा की ओर एक साथ अपनी तीर्थयात्रा जारी रख सकें जो कि हमारे प्रभु येसु मसीह हैं।”