पोप के लिए प्रार्थना के साथ भारत में आदिवासी बाइबिल सम्मेलन शुरू हुआ

छब्बीसवां आदिवासी बाइबिल सम्मेलन, जो आस्था और एकता की बैठक के लिए लगभग 30 हजार लोगों को एक साथ लाता है, श्रीकाकुलम धर्मप्रांत में 6 मार्च शुरू हुआ और 9 मार्च तक जारी रहेगा।
विशाखापटनम के श्रीकाकुलम धर्मप्रांत में 26वें आदिवासी बाइबिल सम्मेलन (6-9 मार्च) के शुभारंभ के अवसर पर 30,000 से अधिक लोग प्रार्थना में एकत्र हुए। उन्होंने पोप फ्राँसिस के स्वस्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना की।
यह बैठक श्रीकाकुलम के धर्माध्यक्ष और धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के आदिवासी मामलों की समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष रायराला विजय कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित की जा रही है। सम्मेलन में हैदराबाद के मेट्रोपोलिटन महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल एंथनी पूला, विशाखापटनम के महाधर्माध्यक्ष उदुमाला बाला शोरेड्डी तथा ओडिशा, रायगढ़ के धर्माध्यक्ष अप्लीनार सेनापति भी उपस्थित थे।
विश्वास जो प्रेरित करता है
धर्माध्यक्ष रायाराला ने येसु के शब्दों से शुरू करते हुए एक चिंतन का प्रस्ताव रखा: "आपके विश्वास ने आपको बचाया है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आदिवासी समुदायों की गहरी और अडिग आस्था न केवल दिल को छू लेने वाली है, बल्कि इसका प्रमाण भी है: "वे भारत के सबसे संगठित, प्रतिभाशाली और उदार लोगों में से हैं।"
ख्रीस्तियों की सहायिका माता मरियम पुरस्कार
सम्मेलन के दौरान, श्रीकाकुलम धर्मप्रांत द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान मारिया औसिलिट्रिस पुरस्कार, पत्रकार सर डस्टिन प्लैन्थोल्ट तथा शिक्षाविद, उद्यमी, परोपकारी और उन्नत अध्ययन एवं सहयोग संस्थान के अध्यक्ष सर गाब्रिएल पाओ-पेई आंद्रेओली को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर आस्था समुदायों को समर्थन देने तथा आध्यात्मिक विकास को समर्थन देने के लिए उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को मान्यता देता है। श्रीकाकुलम धर्मप्रांत में एक तीर्थालय ख्रीस्तियों की सहायिका माता मरियम को समर्पित है, जिसका उद्देश्य आध्यात्मिक विकास के प्रति क्षेत्र की प्रतिबद्धता का प्रतीकात्मक स्थान बनना है।