पाकिस्तान : बच्चों की प्रार्थनाओं का फल, भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम

"हम जानते हैं कि प्रभु बच्चों की प्रार्थनाएँ सुनते हैं, जो उनके दिल में हैं। और भारत एवं पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का हमारे लिए विशेष महत्व है, क्योंकि हम इसे बच्चों की प्रार्थनाओं का फल मानते हैं", यह बात कपुचिन फादर कैसर फिरोज ने फिदेस एजेंसी से कही, जो पाकिस्तानी पंजाब के लाहौर के बाहरी इलाके में स्थित स्वर्गदूतों की रानी पल्ली के पल्ली पुरोहित हैं।
पल्ली पुरोहित ने फिदेस को बतलाते हुए कहा, "शनिवार 10 मई को, बच्चों और परिवारों का एक दल, भाई फेरू पल्ली के शांति की रानी माता मरियम ग्रोटो के सामने एकत्रित होकर" मरियम की फ्राँसिस्कन मिशनरी धर्मबहनों के साथ पल्ली समुदाय ने शांति के लिए रोजरी माला विन्ती की।
प्रार्थना के अंत में, शांति के प्रतीक के रूप में कुछ कबूतर छोड़े गये और बच्चों की उत्कट इच्छा को पूरा किया गया, जो 'शांति के लिए हाँ, युद्ध के लिए नहीं' कहने के चिन्ह थे। रोजरी माला विन्ती के अंत में, आश्चर्यजनक घटना हुई: हमें भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा की अद्भुत खबर मिली। अब हम आशा करते हैं कि यह कायम रहेगा और दोनों पक्षों के बीच एक न्यायपूर्ण और स्थायी शांति स्थापित हो सकेगी।"
फादर फिरोज कहते हैं कि अन्य बातों के अलावा, पल्ली के लोग बहुत डरे हुए थे, क्योंकि पिछले दिनों कश्मीर के विवादित क्षेत्र में सैन्य झड़पों के कारण भाई फेरू में स्वर्गदूतों की रानी पल्ली के के औद्योगिक क्षेत्र में एक गोली लगी थी। "यह कुछ ऐसा था जैसे युद्ध हमारे घर में आ गया हो। बहुत आशंका थी और इस कारण से हमने शांति के लिए प्रार्थना तेज कर दी।"
पाकिस्तान में पूरी कलीसिया ने युद्धविराम का स्वागत किया है। हैदराबाद के धर्माध्यक्ष और पाकिस्तान के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष बिशप सैमसन शुकार्दिन ओएफएम ने एक सार्वजनिक संदेश में कहा: "हाल के तनाव और सैन्य झड़पों के बाद शांति की ओर यह महत्वपूर्ण कदम पूरे क्षेत्र में लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत और उम्मीद का स्रोत है।" पाकिस्तान के धर्माध्यक्ष "बातचीत और संयम का रास्ता चुनने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हैं" और "इस शांतिपूर्ण सफलता को सुगम बनाने में उनकी भूमिका के लिए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य वैश्विक भागीदारों के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हैं।"
पाकिस्तानी धर्माध्यक्षों ने स्मरण दिलाया कि, "दक्षिण एशिया के लोग लंबे समय से शांति, स्थिरता और सहयोग चाहते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि यह युद्ध विराम न केवल शत्रुता का अंत करे, बल्कि आपसी समझ, मेल-मिलाप और क्षेत्रीय सद्भाव के एक नए अध्याय की शुरुआत भी करे।" उन्होंने "स्थायी शांति और सभी के आम हित" के लिए प्रार्थना का आश्वासन दिया।
इस्लामाबाद-रावलपिंडी के धर्माध्यक्ष और न्याय और शांति के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीजेपी) के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष जोसेफ अरशद ने कहा: "यह युद्धविराम संघर्ष पर कूटनीति की शक्ति की याद दिलाता है। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखें और ऐसे स्थायी समाधान खोजें जो उनके लोगों की भलाई और सुरक्षा को प्राथमिकता दें। दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए एक शांतिपूर्ण भविष्य सहयोग, संवाद, आपसी सम्मान और शांति के प्रति प्रतिबद्धता से शुरू हो सकता है।"
सीमा के दोनों ओर काथलिक कलीसिया को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान "अधिक मजबूत, अधिक भरोसेमंद और शांतिपूर्ण संबंध बनाएंगे, जिससे सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित होगा" और "इस क्षेत्र में न्याय, शांति, एकजुटता और भाईचारे की भावना प्रबल होगी, जिससे राष्ट्रों के बीच आशा, प्रेम और शांति के पुल बनेंगे।"