कार्डिनल रफाएले मार्तिनो का निधन

कार्डिनल रफाएले मार्तिनो का निधन 28 अक्टूबर को हुआ वे 91 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार 31 अक्टूबर को संत पेत्रुस महागिरजाघर में होगा। उन्होंने सोलह वर्षों तक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया और बाद में प्रवासियों और भ्रमणशील लोगों की प्रेरितिक देखभाल के लिए परमधर्मपीठीय परिषद और न्याय एवं शांति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद का नेतृत्व किया।

कार्डिनल रेनातो रफाएले मार्तिनो का निधन 28 अक्टूबर की सुबह रोम में हुआ। उन्होंने सीनियर कार्डिनल डीकन, न्याय और शांति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष और प्रवासियों एवं भ्रमणशील लोगों की प्रेरितिक देखभाल के लिए परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

इटली के सलेरनो में जन्में 23 नवम्बर 1932 को जन्मे कार्डिनल मार्तिनो का पुरोहिताभिषेक 20 जून 1957 को हुआ था और उन्होंने कलीसियाई कानून की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने 1962 में परमधर्मपीठ की राजनयिक सेवा में प्रवेश किया और निकारागुआ, फिलीपींस, लेबनान, कनाडा और ब्राजील के प्रेरितिक राजदूतास में काम किया। 1970 और 1975 के बीच उन्होंने राज्य सचिवालय में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अनुभाग का नेतृत्व किया। 1986 में वे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये। इस तरह उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में सोलह साल बिताने के बाद, पोप जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें 1 अक्टूबर 2002 को न्याय और शांति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद का नेतृत्व करने के लिए बुलाया। उन्होंने इस पद पर फ्रांसीसी कार्डिनल रोजर एचेगरे और वियतनामी कार्डिनल फ्राँसिस जेवियर गुयेन वान थुआन का स्थान लिया। अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही, कार्डिनल मार्तिनो ने वेनेजुएला की कठिन परिस्थिति और आइवरी कोस्ट में गंभीर नागरिक संघर्ष पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने विशेष रूप से मध्य पूर्व की दुखद स्थिति पर बात की।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 21 अक्टूबर 2003 में उन्हें कार्डिनल नियुक्त किया। 25 अक्टूबर 2004 को, उनके नेतृत्व वाले विभाग ने कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत का बहुप्रतीक्षित संग्रह प्रकाशित किया। मार्च 2005 में न्याय और शांति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद ने कई काथलिक विश्वविद्यालय संस्थानों के साथ मिलकर द्वितीय वाटिकन महासभा के प्रेरितिक संविधान गौदियुम एत स्पेस की 40वीं वर्षगांठ मनाने के लिए वाटिकन में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को बढ़ावा दिया। 24 अक्टूबर 2009 से वे न्याय और शांति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद के सेवानिवृत अध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे। मानवता और संस्कृति के बीच शांतिपूर्ण और फलदायी संबंधों के पक्ष में उनके निरंतर काम के लिए कार्डिनल को कई मानद उपाधियों और सम्मानों से सम्मानित किया गया।

अंतिम संस्कार बुधवार, 30 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर में सम्पन्न किया जाएगा। कार्डिनलों, महाधर्माध्यक्षों और धर्माध्यक्षों के साथ, कार्डिनल मंडल के डीन कार्डिनल जोवानी बतिस्ता रे, अंतिम संस्कार का अनुष्ठान करेंगे। समारोह के अंत में, पोप फ्राँसिस अंतिम विदाई की धर्मविधि सम्पन्न करेंगे।

कार्डिनल मार्तिनो के निधन के साथ, कार्डिनलों की कुल संख्या 233 हो गई है, जिनमें से 121 पोप के चुनाव में भाग ले सकते हैं और 112 भाग नहीं ले सकते।