काथलिक शांति मंच ने परमाणु मुक्त विश्व के लिए आह्वान दोहराया
पहले नागासाकी काथलिक शांति मंच में काथलिक संगठनों ने परमाणु मुक्त विश्व के लिए आह्वान को नवीनीकृत किया है, जिससे यह आशा प्रबल हुई है कि हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी से पीड़ित अंतिम शहर बने रहेंगे।
पैक्स क्रिस्टी कोरिया ने पैक्स क्रिस्टी इंटरनेशनल और यूएसए तथा काथलिक छात्रों के अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन के सहयोग से 10 अगस्त को जापान में पहला नागासाकी काथलिक शांति मंच आयोजित किया।
यह कार्यक्रम, जिसमें कोरिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका से लगभग 40 प्रतिभागी शामिल हुए, परमाणु बमबारी की 79वीं वर्षगांठ और परमाणु हथियारों के बिना विश्व के लिए साझेदारी की पहली वर्षगांठ के साथ मेल खाता है।
उपस्थित लोगों में नागासाकी के महाधर्माध्यक्ष पीटर मिचियाकी नाकामुरा और हिरोशिमा के धर्माध्यक्ष अलेक्सिस मित्सुरु शिरहामा, साथ ही सिएटल के अमेरिकी महाधर्माध्यक्ष पॉल डी. एटियेन और सांता फ़े के जॉन सी. वेस्टर शामिल थे।
पैक्स क्रिस्टी कोरिया के सह-अध्यक्ष अन्सेलमो ली ने ऐतिहासिक संदर्भ पर चर्चा करके और जयंती वर्ष से विश्व युवा दिवस 2027 तक के रोडमैप की रूपरेखा तैयार करके मंच की शुरुआत की।
महाधर्माध्यक्ष नाकामुरा ने शांति के लिए संयुक्त प्रयासों और परमाणु बम विस्फोटों की याद के महत्व पर जोर दिया।
इस मंच पर कई सत्र हुए, जिसमें वक्ताओं ने हाल के कूटनीतिक प्रयासों, दक्षिण कोरिया में शांति आंदोलनों और परमाणु हथियारों के निषेध पर 2017 की संधि को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की।
चर्चाओं में यह भी पता लगाया गया कि सियोल में विश्व युवा दिवस 2027 जैसे आगामी कार्यक्रम किस तरह शांति को बढ़ावा दे सकते हैं।
नागासाकी शांति अपील पेश की गई, जिसमें काथलिक शांति संगठनों और युवा समूहों के बीच मजबूत सहयोग का आह्वान किया गया और परमाणु संधि के अनुसमर्थन का समर्थन किया गया।
इस दस्तावेज़ को औपचारिक रूप से अगस्त के अंत में अपनाया जाएगा और पैक्स रोमाना की 100वीं वर्षगांठ के दौरान 20 सितंबर को संत पापा फ्राँसिस को प्रस्तुत किया जाएगा।