अस्सीसी के धर्माध्यक्षः कार्लो अकुतीस, जंयती वर्ष में आशा के संत
युवा धन्य कार्लों अकुतीस की यादगारी में आस्सीसी के धर्माध्यक्ष सोरेतीनो ने मिस्सा बलिदान अर्पित करते हुए युवा धन्य कार्लो को पवित्रता और सम्पूर्ण जीवन हेतु प्रेरणा का स्रोत घोषित किया। उन्होंने इस बात की घोषणा की कि संत घोषणा के क्रम में उनके नाम एक नई प्रार्थना की रचना की गई है।
अस्सीसी के धर्माध्यक्ष गुआल्दो तालदिनो ने धन्य कार्लो अकुतीस की यादगारी में मिस्सा बदलिदान अर्पित करते हुए उन्हें आने वाली जंयती वर्ष के लिए पवित्रता और सम्पूर्ण जीवन के लिए प्रेरणा का स्रोत कहा।
धर्माध्यक्ष ने परिधान परित्याग के तीर्थस्थल पर, 12 अक्टूबर को चढ़ाये गये यूखारीस्तीय बलिदान की धर्मविधि, अपने प्रवचन में कहा कि यहाँ हम अस्सीसी के संत फ्रांसिस को अपने सारे वस्त्रों का परित्याग करने की याद करते हैं जो ईश्वर के लिए उनके पूर्ण समर्पण को व्यक्त करता है जिससे वह ईश्वर से मिली प्रेरिताई, उनकी कलीसिया के पुनःनिर्माण हेतु अपने को समर्पित कर सकें, उसी स्थान पर धन्य कार्लों अकुतीस ने अपने जीवन और युवा समय को ईश्वर के लिए समर्पित किया जिससे वह पवित्रता, खुशी और सम्पूर्ण जीवन का साक्ष्य प्रस्तुत कर सके।
भविष्य के संत
धर्माध्यक्ष ने कहा, “ईश्वर उन्हें जंयती वर्ष में संत घोषित करना चाहते हैं, जो कुछ महीनों में शुरू होगी।” जयंती वर्ष की विषयवस्तु जैसे कि संत पापा ने इसे आशा के तीर्थयात्री घोषित किया है, स्वयं येसु ख्रीस्त पर आधारित है। “कार्लों अभी धन्य हैं। लेकिन हमें स्वर्ग की ओर से संकेत मिला है ताकि उन्हें संत घोषित किया जा सके।” यह हमारे लिए कोस्टा रिका की एक लड़की की चंगाई स्वरूप आयी है। अतः कार्लो जल्द ही “संत” कार्लो घोषित किये जायेंगे। लेकिन यह उपाधि उन्हें हमने परे ऊंचाई तक नहीं ले जायेगी। इसके विपरीत, हम उन्हें एक दोस्त की भांति ही अनुभव करेंगे। उन्होंने कहा, “संत घोषणा के मद्देनजर, मैंने एक नई प्रार्थना की रचना की है जिसमें हम उनकी विशिष्टताओं को चित्रित पाते हैं। एक प्रार्थना जिसे हम अभी से पढ़ना शुरू कर सकते हैं।”
कार्लो द्वारा बनाई गई प्रदर्शनी
धन्य कार्लो अकुतीस की धन्य घोषणा की वर्षगांठ के अवसर पर, 11 अक्टूबर को, धर्माध्यक्ष भवन के अंदर यूख्रारीस्तीय चमत्कारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया, जिसकी कल्पना और निर्माण स्वयं युवा कार्लो ने की थी। यह नवंबर महीने के मध्य तक लोकधर्मियों के लिए प्रदर्शित की जायेगी। तीर्थयात्री सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक इसकी भेंट कर सकेंगे। 12 अक्टूबर की सालगिरह के लिए निर्धारित कार्यक्रमों के अंत में, परिधान परित्याग के तीर्थस्थल में प्रार्थना और संगीत का एक छोटा कार्यक्रम समपन किया गया। इसमें मॉंटिन भालवेरदे, स्पानी प्रसिद्ध संगीकार ने अपनी प्रस्तुति दी जो युवा धन्य कार्लो के एक बड़े भक्त हैं।