पोप : लातीनी अमेरिका मेल-मिलाप, भाईचारे को बढ़ावा दे

पोप फ्रांसिस ने लातीनी अमेरिका परमधर्मपीठीय आयोग के सदस्यों से भेंट करते हुए उन्हें अपनी प्रेरिताई में मेल-मिलाप, समावेशन और भाईचारे के पुल बनाने का निमंत्रण दिया।

पोप फ्रांसिस ने गुरूवार को लातीनी अमेरिका के परमधर्मपीठीय आयोग की परियोजना सभा में सहभागी हो रहे प्रतिभागियों से मुलाकात की।  

संगोष्ठी में इस बात पर ध्यान क्रेन्द्रित किया गया कि सुसमाचार प्रचार की प्रेरिताई के संबंध में लातीनी अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों और वाटिकन परमधर्मपीठीय समितियों के संग कैसे तालमेल स्थापित किया जा सकता है।

पोप ने लातीनी अमेरिका परमधर्मपीठ आयोग के सदस्यों से इस बात की चर्चा की कि यह धर्मसभा परिवर्तन से निकटता में जुड़ा हुआ है जिसकी चर्चा वर्तमान में चल रही है। उन्होंने सन् 1995 मैड्रिड में हुए तत्कालीन कार्डिनल रत्ज़िंगर के सुधार विवरण की याद कराते हुए कहा कि “सुधार हमेशा एक उन्मूलन है: एक निष्कासन है, ताकि सुन्दर रूप, दुल्हन का चेहरा और इसके साथ ही दूल्हे का चेहरा भी स्पष्ट दिखाई दे, जो जीवित ईश्वर हैं। यह निष्कासन, ऐसा “नकारात्मक धर्मशास्त्र” की ओर ध्यान आकर्षित कराता है जो  एक सकारात्मक लक्ष्य के रास्ते को निरूपित करता है।”

पोप ने आयोग के सदस्यों को अपने विश्व प्रेरितिक पत्र प्रेदिकाते एभंजेलियुम की ओर इंगित कराते हुए कहा कि यह रोमन कुरिया में किये गये परिवर्तनों के तर्ज में हो जो लातीनी अमेरिकी आयोग में सेवा के भाव लाये जो कलीसियाई प्रेममय प्रेरिताई को व्यक्त करती है।

आयोग को अपने में जरुरी परिवर्तन लाने की आवश्यकता है जिसकी जरुरत हम सबों को है अर्थात यह हमें सिनोडलिटी को विवेकपूर्ण, निष्टामय और प्रभावी ढंग जीने में मदद करे- जो एकता के एक महत्वपूर्ण आयाम को व्यक्त करता है। यह पवित्र आत्मा की प्रेरणा में, येसु ख्रीस्त के संग लातीनी अमेरिका में एक साथ चलना होगा। संत पापा ने कहा कि यह कलीसिया की प्रेरिताई हेतु सरलता और प्रेरणा में लोगों का भेजा जाना है जो केवल सक्रियता की तुलना में प्रेरिताई और सेवा में अधिक भरोसा करते हैं।  

जुआन डिएगो का आदर्श
पोप ने इस संदर्भ में संत जुआन डिएगो के उदाहरण की ओर इंगित कराया, जिन्हें माता मरियम ने दर्शन दिये जो आज मेक्सिको शहर की पहचान बन गयी है। उन्होंने कहा कि  धन्य कुंवारी मरिमय ने उन्हें उनकी विद्वता या सामाजिक स्थिति के कारण नहीं चुना,  बल्कि इसलिए क्योंकि वे सारी चीजों के लिए ईश्वर की दिव्यता पर निर्भर करते थे।

यहाँ हम मरियम और संत जुआन डिएगो की भूमिका, लातीनी अमेरिका में कलीसिया की सादगी, एकता और सामान्य जन और लोकधर्मियों के बीच आपसी सहयोग की भावना को पाते हैं जो धर्मसभा की गहराई को दर्शाती है।

पोप फ्रांसिस ने कहा, “लोकधर्मी खुशखबरी की घोषणा करते हैं, मूल रूप से कलीसिया के कार्यो और अलौकिक आयाम पर भरोसा करते हुए न कि अपनी ताकत पर।" "यही विश्वास आम लोगों को समुदाय के अंदर धर्माध्यक्ष की जिम्मेदारी को बिना किसी जटिलता के स्वीकारने में मदद करती है।” दूसरे शब्दों में, "आंतरिक धर्मसभा बाहरी भाईचारे को फलहित करती है।"

भाईचारे पुल के निर्माता बनें
पोप फ्रांसिस ने लातीनी अमेरिका के परमधर्मापीठीय आयोग को अपने संबोधन के अंत में स्थानीय कलीलिया को धर्म प्रचार के अनूठे मार्ग को समझने के लिए "प्रेरित करने, प्रेरणा का स्रोत बनाने और स्वतंत्रता में बढ़ने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, "आयोग को मेल-मिलाप, समावेशन और भाईचारे के पुल बनाने की जरुरत है, जो लोगों को 'एक साथ यात्रा' करने की अनुमति देता है, जो केवल अलंकारिक अभिव्यक्ति नहीं बल्कि एक सच्ची प्रेरिताई का अनुभव है।"