पोप फ्राँसिस का स्वागत करने की तैयारी में है पापुआ न्यू गिनी

पापुआ न्यू गिनी सितंबर में पोप फ्राँसिस का स्वागत करने की तैयारी कर रहा है, येसु के पवित्र हृदय के मिशनरी दूरदराज के समुदायों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके सुसमाचार का प्रसार कर रहे हैं।

काथलिक कलीसिया ने पापुआ न्यू गिनी में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, परंतु सरकारी सहायता की कमी के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

पापुआ न्यू गिनी प्रांत में येसु के पवित्र हृदय के मिशनरियों के प्रांतीय सुपीरियर फादर सिल्वेस्टर वारवाकई ने 6-9 सितंबर को राष्ट्र में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा से पहले वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में यह पुष्टि की।

मिशनरी वर्तमान में सात धर्मप्रांतों में काम कर रहे हैं, पल्ली कार्य, शिक्षण और स्वास्थ्य सेवा में लगे हुए हैं। जिन पल्लियों में वे अपनी सेवा दे रहे हैं, उनमें से अधिकांश में एक स्कूल जुड़ा हुआ है क्योंकि, जैसा कि फादर वारवाकई ने समझाया, काथलिक धर्म के विकास के लिए स्कूल महत्वपूर्ण हैं।

1975 में पापुआ न्यू गिनी को स्वतंत्रता मिलने के बाद, सरकार और काथलिक कलीसिया के बीच एक नई व्यवस्था स्थापित की गई, जिसके परिणामस्वरूप क्रमशः शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ साझेदारी में काथलिक शिक्षा एजेंसी और काथलिक स्वास्थ्य सेवाओं का निर्माण हुआ। मिशनरियों के पास कोई सुविधा नहीं है; बल्कि, वे धर्मप्रांतों के साथ मिलकर और मौजूदा ढांचे के भीतर काम करते हैं।

फादर वारवाकई ने बताया कि काथलिक कलीसिया का काम उन ग्रामीण इलाकों में खास तौर पर महत्वपूर्ण है, जहां सरकारी सेवाएं नहीं हैं।

उन्होंने कहा, "हम पापुआ न्यू गिनी के पहाड़ी इलाकों में काम नहीं करते हैं; हालांकि, देश के ज़्यादातर ग्रामीण इलाकों में हमारे मिशन हैं। वर्तमान में, बेरीना और केरेमा धर्मप्रांतों के पहाड़ी इलाकों में संत जॉन वियनी पल्ली, तापिनी और सेक्रेड हार्ट पल्ली, बेमा हैं। इन पल्लियों में प्राथमिक और हाई स्कूल तथा स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं हैं। वे दोनों धर्मप्रांतीय कथलिक शिक्षा सचिवालय और काथलिक स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत आते हैं, लेकिन हमारे पुरोहितों और धर्मबंधुओं द्वारा प्रशासित होते हैं। सड़क मार्ग की बिगड़ती स्थिति के कारण, दोनों पहाड़ी पल्लियों तक पहुँचने के लिए परिवहन का एकमात्र साधन हवाई जहाज़ है।"

उन्होंने दुख जताया कि पिछले 20 सालों से, "स्वास्थ्य सेवाएँ और शिक्षा प्रणाली कई मायनों में विफल रही हैं क्योंकि कलीसिया द्वारा संचालित संस्थानों, विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध सब्सिडी के मामले में सरकार का समर्थन बहुत कम है। कभी-कभी ये सब्सिडी समय पर नहीं मिलती और स्कूलों के लिए तो वे बंद ही हो जाते हैं।” स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में फादर वारवाकई ने बताया कि कभी-कभी उन्हें दवा खरीदने के लिए ज़रूरी सरकारी धन नहीं मिलता, जिसके परिणामस्वरूप “लोग इलाज योग्य बीमारियों से मर जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि अक्सर इन सुविधाओं को अपने संचालन को कम करना पड़ता है और “वे केवल कुछ ऐसे मामलों को ही इलाज करते हैं जो बहुत ही जानलेवा होते हैं, जैसे कि बच्चे को जन्म देने वाली माताएँ या कोई व्यक्ति जो मलेरिया से मरने वाला हो।”

संत पापा फ्राँसिस की एशिया और ओशिनिया की आगामी यात्रा में पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में रुकना शामिल है। फादर वारवाकई ने कहा कि 8 सितंबर को वेनिमो शहर की एक छोटी यात्रा "कुछ हद तक अपनेपन, उम्मीद और आशावाद की भावना" देगा, जो मिशनरियों को पापुआ समुदायों के साथ-साथ राजधानी शहर के बाहर अन्य धर्मप्रांतों और संस्थानों में सेवा प्रदान करते हैं।

उन्होंने बताया कि पोर्ट मोरेस्बी महाधर्मप्रांत में सभी पल्लियों के विश्वासी  प्रार्थना और आध्यात्मिक साधना के साथ संत पापा से मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें गर्व है, हम वास्तव में खुश हैं, कि पिछली बार 1995 में पापुआ न्यू गिनी में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने पीटर टू रोट को धन्य घोषित करने के लिए आये थे।

अब, संत  पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा के साथ, युवा पीढ़ियों को संत पापा की निकटता का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर मिलेगा। फादर वारवाकई ने कहा, "वे हमें ऊर्जा और आत्मविश्वास देते हैं कि हमें भुलाया नहीं गया है।" "हम खुश हैं और सभी के बीच एक तरह की एकता की भावना है और हम प्रार्थना कर रहे हैं कि संत पापा का आगमन आशा की भावना लेकर आए" और "हमारे नेताओं के लिए कुछ बदलाव लाए।" उन्होंने पुष्टि की कि संत पापा की उपस्थिति "भविष्य में आगे बढ़ने के लिए यथार्थवादी दृष्टिकोण और आशा की भावना देती है", जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र भी शामिल हैं।