पवित्र द्वार पार करना कोई "जादुई इशारा" नहीं, कार्डिनल पारोलीन

इटली के आक्विला नगर में सेलेस्टाइन क्षमादान के 731वें संस्करण के अवसर पर वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने जयन्ती वर्ष के दौरान पवित्र द्वार पार करने की क्रिया का मर्म समझाया।

द्वार पार करना “जादुई इशारा” नहीं
गुरुवार, 28 अगस्त को आक्विला स्थित कोल्लेमाज्जियो में मरियम महागिरजाघर के पवित्र द्वार को खोले जाने के उपलक्ष्य में अर्पित ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि पवित्र दरवाजे से गुज़रना कोई “जादुई इशारा” नहीं है, यह यथार्थ विश्वास के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने  स्मरण दिलाया कि कोल्लेमाज्जियो का मरियम महागिरजाघर, “ईश्वर की दया और क्षमा का जीवित प्रतीक है जिसे सन्त पापा सेलेस्टाइन पंचम ने अपने लोगों को देना चाहा था”।

ख्रीस्त हैं पवित्र द्वार
आक्विला में कोल्लेमाज्जियो के महागिरजाघर के पवित्र द्वार को खोलते हुए कार्डिनल ने कहाः  यह द्वार जुबली वर्ष की तीर्थयात्रा का एक अंग है, तथापि, यह चिन्ह एक जीवंत स्मृति, एक पुकार और एक प्रार्थना, स्वतंत्रता और दया का वादा बन जाता है। अस्तु, यह याद रखना अनिवार्य है कि यह दरवाज़ा कोई भौतिक या वास्तुशिल्पीय दहलीज़ नहीं है: जुबली वर्ष का द्वार स्वयं मसीह हैं। येसु ख्रीस्त ही हमें मुक्ति की ओर ले जाते हैं; वे ही हैं जिन्हें हमें पार करना है। केवल उन्हीं के माध्यम से हम पूर्ण जीवन में प्रवेश कर सकते हैं और दासता से मुक्त हो सकते हैं।

कार्डिनल पारोलीन ने कहा, आज कितनी ही आवाजें मसीह के बिना उद्धार का वादा करती हैं, कितनी ही विचारधाराएं, नैतिकताएं, या धार्मिक छद्मवेश द्वार से होकर गुजरने के बजाय उसे नजरअंदाज कर देते हैं! किन्तु येसु ख्रीस्त द्वारा दर्शाया गया मार्ग स्पष्ट है और सभी अस्पष्टताओं को दूर कर देता है। "वे ईश्वर तक, जीवन तक पहुँचने का द्वार हैं।"

उन्होंने कहा, केवल मसीह ही द्वार हैं, और जो कुछ उनसे होकर, उनकी देह से होकर, उनके क्रूस से होकर नहीं गुजरता, वह मुक्ति प्राप्त नहीं करता। अस्तु, उन्होंने कहा, द्वार से होकर गुजरने का अर्थ है सुसमाचार का स्वागत करना; क्योंकि "ख्रीस्तीय धर्म विचारों या नैतिकता की कोई प्रणाली नहीं है, बल्कि एक मार्ग है: मसीह के माध्यम से प्रवेश और निकास है।"

दरवाज़ा संकरा है
कार्डिनल कहते हैं कि ख्रीस्त का दरवाज़ा सरल नहीं है, यह संकरा है, लेकिन यह एक सुनहरा दरवाज़ा भी है, अनमोल, सबसे खूबसूरत। इस दरवाज़े से प्रवेश करने के लिए एक व्यक्तिगत, सुसंगत और निरंतर चयन की आवश्यकता होती है। यह कोई चौड़ा रास्ता नहीं है जिससे कोई बिना प्रतिबद्धता के गुज़र जाये। येसु का अनुसरण करने का अर्थ है तहदिल से उनका अनुसरण करना, उनकी आवाज़ सुनना, उनके वचन पर चलना।

मानवता का धोखा
कार्डिनल पारोलीन ने सचेत किया, "हमारी मानवता के धोखे से सावधान रहें: यह सोचना कि खुशी लेने में, पाने में, अपने लिए करने में है।" यह "चोर की मानसिकता" है जो हर उस चीज़ को, जिसे वह छूती है, नष्ट कर देती है। उन्होंने सावधान किया, "झूठे वादे आसान लगते हैं, लेकिन खाली हाथ रह जाते हैं, जबकि येसु हमें देने और बहुतायत का जीवन प्रदान करने आये थे।"