हम येसु के बारे में खुशी के बिना बात नहीं कर सकते, पोप फ्राँसिस
पोप फ्राँसिस ने प्रार्थना वर्ष में दैनिक सुसमाचार पर चिंतन करते हुए विश्वासियों को येसु की गवाही अपने वचनों और जीवन द्वारा देने हेतु प्रेरित किया। साथ ही हिंसा और युद्धग्रस्त देशों के लिए प्रार्थना करने की अपील की।
पोप फ्राँसिस ने रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पूर्व पवित्र मिस्सा समारोह के लिए निर्धारित संत मरकुस के सुसमाचार बढ़ने वाले बीज के दृष्टांत पर चिंतन करते हुए धैर्य के साथ प्रतीक्षा करने और विश्वास में बने रहने का संदेश दिया। साथ ही पोप ने हिंसा के त्रस्त कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए और युद्धरत देशों के लिए प्रार्थना करने की अपील की। इसी के मद्देनजर पोप ने निम्नलिखित 4 ट्वीट किया।
पहला ट्वीट संदेश : प्रभु हमारे अन्दर अपने वचन और अनुग्रह के बीज बोते हैं, और धैर्यपूर्वक उनके बढ़ने और अच्छे कार्यों के फल देने का इंतज़ार करते हैं। परमेश्वर चाहता है कि उसके खेत में कुछ भी नष्ट न हो बल्कि पूरी परिपक्वता तक पहुँचे।” (मरकुस 4:26-34)
दूसरा ट्वीट संदेश : “मैं कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रीय प्राधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करता हूं कि हिंसा को रोकने और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।”
तीसरा ट्वीट संदेश : “पीड़ितों में से कई ईसाई हैं जो विश्वास के प्रति घृणा में मारे गए। वे शहीद हैं। उनका बलिदान एक बीज है जो अंकुरित होता है और फल देता है। वे हमें साहस और निरंतरता के साथ सुसमाचार की गवाही देना सिखाते है।”
चौथा ट्वीट संदेश : “आइए, हम यूक्रेन, पवित्र भूमि, सूडान, म्यांमार और जहां भी लोग युद्ध के कारण पीड़ित हैं, वहां शांति के लिए प्रार्थना करना बंद न करें।”
17 जून का ट्वीट संदेश
आज की धर्मविधि के लिए चयनित संत मत्ती के सुसमाचार (5: 38-42) पर चिंतन कर सभी विश्वासियों को खुशी के साथ येसु की गवाही न केवल वचन से अपितु अपने जीवन द्वारा देने हेतु प्रेरित किया।
संत पापा ने ट्वीट संदेश में लिखा : “हम येसु के बारे में खुशी के बिना बात नहीं कर सकते, क्योंकि विश्वास एक अद्भुत प्रेम कहानी है जिसे साझा किया जाना चाहिए। येसु की गवाही देना और उनके नाम पर दूसरों के लिए कुछ करना, इस खूबसूरत उपहार की गवाही देना है जिसे सिर्फ़ शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”