पोप : युद्ध, लोगों का सर्वनाश करता एवं मानवता की हार है

देवदूत प्रार्थना के अंत में संत पापा ने म्यांमार, मध्यपूर्व, यूक्रेन और हैती के पीड़ितों की याद की। और सभी से आग्रह किया कि हम शांति के रास्ते को अपनायें।

उन्होंने कहा, “अब तीन वर्षों से, दर्द की चीख और हथियारों के शोर ने उस मुस्कुराहट की जगह ले ली है जो म्यांमार की जनता की विशेषता है। इसलिए मैं कुछ बर्मी धर्माध्यक्षों की आवाज में शामिल होता हूँ, "ताकि विनाश के हथियार मानवता और न्याय में वृद्धि के उपकरणों में तब्दील हो जाएँ।" शांति एक रास्ता है और मैं इसमें शामिल सभी पक्षों को बातचीत के कदम उठाने और समझदारी की भावना अपनाने के लिए आमंत्रित करता हूँ, ताकि म्यांमार की भूमि भ्रातृत्वपूर्ण मेल-मिलाप के लक्ष्य तक पहुंच सके। प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताओं की गारंटी के लिए मानवीय सहायता को पार करने की अनुमति मिले।”

उसके बाद पोप ने मध्यपूर्व में फिलीस्तीन और इस्राएल तथा जहाँ कहीं युद्ध हो रहे हैं वहाँ के आम नागरिकों का पक्ष लेते हुए कहा, “आम जनता का सम्मान करें! मैं हमेशा उन सभी पीड़ितों की याद करता हूँ खासकर, यूक्रेन में जारी युद्ध से। कृपया उनकी शांति की पुकार सुनें। उन लोगों की पुकार, जो हिंसा से थक चुके हैं और चाहते हैं कि युद्ध समाप्त हो। युद्ध लोगों के लिए सर्वनाश है और मानवता के लिए पराजय।

इसके बाद पोप ने हैती पर ध्यान देते हुए कहा, “पिछले सप्ताह हैती में धर्मबहनों और उनके साथ अपहृत अन्य लोगों की रिहाई से मुझे राहत मिली। मैं प्रार्थना करता हूँ कि जिन लोगों को अपहरण कर, रिहा नहीं किया गया है उन्हें रिहा किया जाए और सभी प्रकार की हिंसा समाप्त हो; सभी को देश के शांतिपूर्ण विकास में अपना योगदान देना चाहिए, जिसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से नए सिरे से समर्थन की आवश्यकता है।

इस्तम्बुल में हमले के शिकार लोगों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करते हुए संत पापा ने कहा, “मैं इस्तंबुल में संत मरिया द्रापेरिस चर्च समुदाय के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई एवं कई घायल हो गये हैं।”

28 जनवरी को विश्व कुष्ट रोग दिवस मनाया जाता है। पोप ने कहा, “मैं इस बीमारी से प्रभावित लोगों के बचाव और समाज में पुन: शामिल किये जाने को प्रोत्साहित करता हूँ, जो गिरावट के बावजूद, अभी भी बहुत अधिक डर वाली बीमारी है और सबसे गरीब एवं हाशिए पर जीवनयापन करनेवाले लोगों को प्रभावित करता है।  

उसके बाद पोप ने रोम तथा इटली एवं विश्व से आये सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का अभिवादन किया।

पोप ने रोम की पल्लियों और काथलिक स्कूलों के काथलिक एक्शन के लड़के और लड़कियों को सम्बोधित कर कहा, “आप "शांति की काफिला" के अंत में यहाँ आए हैं, जिसके दौरान आपने ईश्वर के उपहार, सृष्टि के संरक्षक होने की बुलाहट पर चिंतन किया। आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद। बेहतर समाज निर्माण हेतु आपके समर्पण के लिए शुक्रिया। दल के सदस्यों ने अपने संदेश प्रस्तुत किये।

और अंत में, पोप ने काथलिक एक्शन दल के बच्चों को प्रोत्साहन दिया और अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।