पोप ने सूडान, मोजम्बिक और अन्य युद्धग्रस्त देशों के लिए प्रार्थना की
पोप फ्राँसिस ने वैश्विक नेताओं से सूडान और उत्तरी मोजाम्बिक में शांति के लिए जोर देने का आग्रह किया, जहाँ एक काथलिक मिशन को आग लगा दी गई।
देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया तथा विभिन्न घटनाओं की याद की। सूडान में युद्ध विराम की अपील करते हुए पोप ने कहा, “सूडान में सशस्त्र संघर्ष शुरू होने के बाद अब दस महीने बीत चुके हैं, जिसके कारण बहुत गंभीर मानवीय स्थिति पैदा हो गई है। मैं फिर से युद्धरत पक्षों से इस युद्ध को रोकने की अपील करता हूँ, जो लोगों और देश के भविष्य को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। आइए, हम प्रार्थना करें ताकि प्रिय सूडान के भविष्य के निर्माण के लिए जल्द ही शांति के रास्ते खोजे जा सकें।
उसके बाद मोजाम्बिक की याद करते हुए पोप ने कहा, “रक्षाहीन जनता के खिलाफ हिंसा, बुनियादी ढांचे का विनाश और असुरक्षा एक बार फिर मोजाम्बिक के काबो डेलगाडो प्रांत में फैल रही है, जहाँ हाल के दिनों में मजेज़ में अफ्रीका की माता मरिया काथलिक मिशन को भी आग लगा दी गई थी। आइए, हम उस पीड़ित क्षेत्र में शांति लौटने के लिए प्रार्थना करें। और आइए, उन कई दूसरे युद्धों को न भूलें जिन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप और दुनिया के कई हिस्सों को रक्तरंजित किया: यूरोप, फिलिस्तीन, यूक्रेन को भी...”
“आइए, यह न भूलें: युद्ध हमेशा हार होता है। जहां भी लड़ाई हो रही है, वहाँ की जनता थक चुकी है, लोग युद्ध से थक चुके हैं, जो हमेशा की तरह व्यर्थ और अनिर्णायात्मक है, और केवल मौत लाएगा, केवल विनाश लाएगा, और कभी भी समस्याओं का समाधान नहीं लाएगा। इसके बजाय, आइए हम बिना थके प्रार्थना करें, क्योंकि प्रार्थना प्रभावशाली है, और हम प्रभु से उस मन और हृदय का वरदान मांगें जो वास्तव में शांति के लिए समर्पित हैं।
तत्पश्चात् पोप ने रोम, इटली तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। संत पापा ने प्राँगण में उपस्थित किसानों एवं पशुपालकों का विशेष रूप से अभिवादन किया।
पोप फ्राँसिस एवं परमाध्यक्षीय रोमी कार्यालय के कर्मचारी इस सप्ताह आध्यात्मिक साधना में व्यतीत करेंगे।
इसकी जानकारी देते हुए पोप ने कहा, “आज दोपहर, रोमी कार्यालय के कर्मचारियों के साथ, हम आध्यात्मिक साधना शुरू करेंगे।” उसके बाद जयन्ती वर्ष की तैयारी करने का प्रोत्साहन देते हुए उन्होंने कहा, "मैं समुदायों और विश्वासियों को चालीसा काल की इस अवधि में और जुबली की तैयारी के इस पूरे वर्ष में, जो कि "प्रार्थना का वर्ष" है, प्रभु की उपस्थिति में आने हेतु विशिष्ट क्षण समर्पित करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।”
अंत में, पोप ने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।