पोप ने नया यूकाट लॉन्च किया: 'मसीह आनंदमय जीवन का पासवर्ड है

पोप फ्राँसिस ने युवाओं को 'काथलिक युवाओं के लिए धर्मशिक्षा या यूकाट का एक नया संस्करण लॉच होने के अवसर पर एक पत्र लिखा और उन्हें ईसा मसीह के साथ और उनके लिए आनंदमय जीवन का रहस्य खोजने हेतु आमंत्रित किया।

"सुसमाचार को पढ़ने, पूरे ध्यान से प्रार्थना करने और उत्साह के साथ धर्मशिक्षा का अध्ययन करने से हमें अपने दिल और दिमाग में येसु की आँखों, भावनाओं और दृष्टिकोणों को 'स्थानांतरित' करने में मदद मिलती है।" संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को इतालवी समाचार पत्र ‘ला स्टाम्पा’ में युवाओं के नाम प्रकाशित एक पत्र में काथलिक युवाओं के लिए धर्मशिक्षा (यूकाट) के नए संस्करण की सकारात्मक समीक्षा दी।

पोप ने काथलिक कलीसिया के युवाओं को उनके लिए तैयार की गई धर्मशिक्षा का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया, यह याद दिलाते हुए कि प्यार ही हमारे ख्रीस्तीय होने का असली मकसद है।

पोप ने कहा, "प्यार कलीसिया के अस्तित्व का प्राथमिक कारण है। मैं, सबसे पहले, उस कोमलता और करुणामय प्रेम की बात करता हूँ जो परमपिता परमेश्वर के पास हर इंसान के लिए है और जिसे येसु ख्रीस्त ने अपने जीवन, अपनी मृत्यु और अपने पुनरुत्थान के साथ हमारे सामने प्रकट किया है। हममें से प्रत्येक को हमारे प्रति ईश्वर के प्रेम का उत्तर उन्हें और हमारे भाइयों एवं बहनों को प्रेम करने के लिए आमंत्रित करता है।"

पोप फ्राँसिस ने पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के विश्वपत्र ‘देउस कारितास एस्त’ और उनके दावे को याद किया कि हमारा ख्रीस्तीय जीवन येसु के साथ मुलाकात करने से बढ़ता है, जो हमारे जीवन को एक नया क्षितिज और दिशा देता है।

साथ ही, हमें उस व्यक्ति के बारे में जानना चाहिए जिससे हम प्यार करते हैं ताकि हम उसे ठीक से प्यार कर सकें और उसे पहचान सकें।

पोप ने कहा, "वास्तव में, यह सुसमाचार प्रचार का मधुर आनंद है: येसु के प्रति अपने प्रेम को पूरी दुनिया में लाने का आनंद।" "यह खूबसूरत किताब जो अब आपके हाथ में है, ऐसे प्रेम से पैदा हुई है: येसु के लिए वह प्यार जो हम विश्वासियों के भीतर रहता है।"

उन्होंने कहा कि यूकाट काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा पर आधारित है, जो 1992 में प्रकाशित हुआ था और इसे युवा लोगों की शैली और लय में प्रस्तुत किया गया है।

पोप फ्राँसिस ने युवा पाठकों को "इस पुस्तक से प्यार करने के लिए आमंत्रित किया, क्योंकि यह प्यार का फल है।"

उन्होंने कहा, “आपको पता चलेगा कि इसका आपके अंदर येसु के प्रति महान प्रेम जगाने या फिर से जगाने के अलावा और कोई दूसरा इरादा नहीं है। यही इसका एकमात्र उद्देश्य है।''

पोप ने युवा काथलिकों से आग्रह किया कि वे धर्मशिक्षा का अध्ययन करें ताकि येसु के बारे में अधिक जान सकें और प्रेम के उनके संदेश को बेहतर ढंग से समझ सकें और अपने जीवन के लिए योजना बना सकें।

उन्होंने कहा कि येसु के साथ हमारा संबंध बनाए रखने का रहस्य हर पल यह विचार करना है कि "मेरे स्थान पर मसीह क्या करेगा।"

उन्होंने कहा, "यह वास्तव में 'जीवित' और आनंदमय जीवन का पासवर्ड है: हमारे साथ क्या होता है और जो निर्णय लेने के लिए हम बुलाये गये हैं, उसे उन्हीं आंखों से, उन्हीं भावनाओं से, उसी मुद्रा से देखना और आंकना, जैसा येसु ने अवतरित किया था।"

यूकाट के अध्ययन को लगातार प्रार्थना के साथ जोड़कर, युवा दुनिया और दैनिक घटनाओं को येसु की नज़र से देखना सीख सकते हैं।

पोप फ्राँसिस ने संदेश के अंत कहा, कि मसीह हमें खुशी का सच्चा "पासवर्ड" प्रदान करते हैं। "प्रिय युवा मित्रों, आपके लिए जीवन की यह जवानी, जीवन का यह नयापन और जीवन की परिपूर्णता की कामना करता हूँ।"