नैतिक ईशशास्त्र के छात्रों से पोप : संत अल्फोंस को अपना आदर्श मानें

पोप लियो 14वें ने नैतिक ईशशास्त्रियों (मोरल थेओलोजियन्स) से आग्रह किया है कि वे संत अल्फोंस लिगुओरी और अन्य संतों के उदाहरणों का अनुसरण करें, क्योंकि वे दिव्य प्रकाशना के आलोक में आधुनिक दुनिया की "चुनौतियों, परिवर्तनों और संघर्षों" पर चिंतन करते हैं।
नैतिक ईशशास्त्र की 17वीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को दिए एक संदेश में, पोप लियो 14वें ने प्रतिभागियों को आधुनिक नैतिक मुद्दों पर "संत अल्फोंस मरिया दी लिगुओरी जैसे संतों के बुद्धिमान और सदैव समसामयिक उदाहरण का अनुसरण करते हुए" चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पोप ने कहा, नैतिक ईशशास्त्र के धर्माचार्य के रूप में विख्यात, संत अल्फोंस "ईश्वर के नियमों और मानव विवेक तथा स्वतंत्रता की गतिशीलता का एक संतुलित संश्लेषण खोजने में सक्षम थे, साथ ही अपने भाइयों के प्रति एक उदार, समझदार और धैर्यवान रवैया अपनाते हुए, इस प्रकार ईश्वर की असीम दया के एक प्रत्यक्ष प्रतीक बन गए।"
सम्मेलन को यह संदेश वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो परोलिन द्वारा हस्ताक्षरित एक तार संदेश के माध्यम से दिया गया।
संत पापा ने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन "ईश्वरीय प्रकाशना के आलोक में, जो येसु ख्रीस्त में अपनी पूर्णता पाता है, चुनौतियों, परिवर्तनों और वर्तमान संघर्षों पर चिंतन करने का एक अनुकूल अवसर प्रदान करेगा।"
संत पापा का संदेश "प्रज्ञा के सिंहासन, धन्य कुँवारी मरियम की मातृ सुरक्षा" के आह्वान और प्रतिभागियों एवं उनके प्रियजनों के लिए संत पापा के प्रेरितिक आशीर्वाद के साथ समाप्त हुआ।