बहरीन में पोप ˸ प्यारे युवाओं, हमें आपकी आवश्यकता है!

पोप फ्राँसिस ने अपनी प्रेरितिक यात्रा के तीसरे दिन अवाली स्थित सेक्रेड हार्ट स्कूल में करीब 800 युवाओं से मुलाकात की। पोप ने युवाओं को प्रोत्साहन दिया कि वे "बड़े सपने देखने एवं जीवन को पूर्णता से जीने का साहस कभी न छोड़ें।"
अवाली के सेक्रेड हार्ट स्कूल में युवाओं से मुलाकात करते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा, "हमें आपकी रचनात्मता, आपके सपनों, आपके साहस, आपके आकर्षण, आपके मुस्कान, आपके आनन्द और उन्माद की आवश्यकता है, जिसको आप हर परिस्थिति में ला सकते हैं, जो हमें अपनी पुरानी आदतों एवं चीजों को देखने के तरीकों से बाहर निकलने में मदद दे सकते हैं।"
पोप ने युवाओं को प्रोत्साहन दिया कि वे "बड़े सपने देखने एवं जीवन को पूर्णता से जीने का साहस कभी न छोड़ें।"
तीन युवाओं का साक्ष्य सुनने के बाद पोप ने अपने संदेश में युवाओं को "तीन छोटे निमंत्रण" दिये तथा कहा कि वे एक शिक्षक के रूप में नहीं बोल रहे हैं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो उन्हें समर्थन और प्रोत्साहन देना चाहता है।
पोप ने युवाओं को प्रोत्साहन दिया कि वे "देखभाल की संस्कृति" को अपनायें, और बतलाया कि देखभाल करने का अर्थ है "सहानुभूति के आंतरिक मनोभाव में बढ़ना" जो दूसरे लोगों एवं उनकी रूचियाँ की चिंता करने के लिए प्रेरित करता है। देखभाल की यह संस्कृति आधुनिक विश्व के लिए नया मोड़ या औषधि बन सकती है जो अपने आप में बहुत अधिक बंद है।
पोप ने युवा श्रोताओं को बतलाया कि दूसरों की देखभाल करने के लिए, सबसे पहले हमें अपने आपकी देखभाल करनी है; अपने हृदय की गतिविधियों को सुनना; और ईश्वर से बातचीत करना है, उन्हें हर दिन अपने दुःख और खुशी बांटने के द्वारा।
पोप ने युवाओं को भ्रातृत्व की भावना बढ़ाने का निमंत्रण देते हुए कहा, "यदि हम देखभाल की संस्कृति को अपनाते हैं, तब हम भ्रातृत्व के बीज को बढ़ाते हैं। और यह मेरा दूसरा निमंत्रण है कि आप भ्रातृत्व को फैलायें।"
अबदुल्ला के साक्ष्य से प्रेरणा लेते हुए संत पापा ने युवाओं को निमंत्रण दिया कि वे "भाईचारा के चैम्पियन बनने का प्रयास करें।" ऐसा करते हुए वे भविष्य के निर्माता बनेंगे, क्योंकि सिर्फ भाईचारा में ही हमारे विश्व का भविष्य हो सकता है।  
नवीन के साक्ष्य पर गौर करते हुए संत पापा ने युवाओं को प्रोत्साहन दिया कि वे संबंध स्थापित करें, विशेषकर, ईश्वर के साथ, जो दूसरों में ईश्वर को देखना आसान बना देगा।
अंततः पोप ने युवाओं का आह्वान किया कि वे जीवन में निर्णय लेने की चुनौतियों को स्वीकार करें। अच्छे निर्णय लेने के लिए, विकल्पों को तौलना और सही रास्ता चुनने सीखना जरूरी होता है।
मेरिना के सवाल का उत्तर देते हुए पोप ने युवाओं को प्रोत्साहन दिया कि वे "बिना भय आगे बढ़ें, किन्तु अकेला कभी न जाएँ।" उन्होंने मरीना के शब्दों में कहा कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ हैं, और मौन प्रार्थना एवं उनके साथ अंतरंग संवाद के द्वारा हम ईश्वर की आवाज को पहचानना सीख सकते हैं।  
पोप ने युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वे इंटरनेट में सूचनाओं की खोजकर के पहले जीवन की "अच्छे सलाहकारों" की खोज करें। क्योंकि "जीवन के रास्ते पर हम सभी को उनके साथ की आवश्यकता है।"
अपने सम्बोधन के अंत में पोप ने युवाओं को जोर देकर बतलाया कि "हमें आपकी आवश्यकता है! आपकी रचनात्मकता की, आपके सपने और साहस की, आपके आकर्षण एवं मुस्कान की, आपके आनन्द एवं उन्माद की, जिसको आप हर परिस्थिति में लाते हैं, जो हमें अपनी पुरानी आदतों एवं चीजों को देखने के तरीकों से बाहर निकलने में मदद देता है।"
और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि "कलीसिया आपके साथ है एवं उसे आप प्रत्येक की आवश्यकता है, ताकि हम नवीकृत हो सकें, नये रास्ते खोज सकें, नई भाषाओं का अनुभव कर सकें और अधिक प्रसन्नचित एवं सत्कारशील बन सकें।"
युवाओं के लिए अपने संदेश के अंत में पोप ने उन्हें बढ़ावा दिया कि वे "बड़े सपने देखने और जीवन को पूर्णतया जीने से कभी हिम्मत न हारें। देखभाल की संस्कृति को अपनाएँ और फैलायें। भाईचारा के समर्थक बनें। ईश्वर की सच्ची रचनात्मकता से प्रेरित एवं अच्छे सलाहकारों के मार्गदर्शन में जीवन की चुनौतियों का सामना करें।"