आँधी को शान्त करना
मत्ती 8:23-27
ईसा नाव पर सवार हो गये और उनके शिष्य उनके साथ हो लिये।
उस समय समुद्र में एकाएक इतनी भारी आँधी उठी कि नाव लहरों से ढकी जा रही थी। परन्तु ईसा तो सो रहे थे।
शिष्यों ने पास आ कर उन्हें जगाया और कहा, प्रभु! हमें बचाइए! हम सब डूब रहे हैं!
ईसा ने उन से कहा, अल्पविश्वासियों! डरते क्यों हो? तब उन्होंने उठ कर वायु और समुद्र को डाँटा और पूर्ण शाति छा गयी।
इस प्रर वे लोग अचम्भे में पड कर, बोल उठे, "आखिर यह कौन है, वायु और समुद्र भी इनकी आज्ञा मानते है।"