पोप फ्राँसिस : ‘लौदातो सी द्वितीय’ का प्रकाशन 4 अक्टूबर को
पोप फ्राँसिस ने ‘सृष्टि के मौसम’ की याद की, जो 1 सितम्बर को सृष्टि के लिए देखभाल हेतु विश्व प्रार्थना दिवस से शुरू होगा और 4 अक्टूबर को संत फ्राँसिस असीसी के पर्व के साथ समाप्त होगा, जब लौदातो सी के दूसरे भाग का प्रकाशन किया जाएगा।
बुधवार को आमदर्शन समारोह के अंत में पोप फ्राँसिस ने सृष्टि की देखभाल के लिए विश्व प्रार्थना दिवस की याद दिलायी, जिसे हर साल 1 सितंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष के दिवस की विषयवस्तु है "न्याय और शांति प्रवाहित हो।"
इसी के साथ सृष्टि के मौसम की शुरुआत होती है जिसकी अवधि 4 अक्टूबर तक होती है। और, जैसा कि उन्होंने पिछले 21 अगस्त को, यूरोपीय परिषद के सदस्य देशों के वकीलों के सामने घोषणा की थी, विश्वपत्र के दूसरे भाग का प्रकाशन 4 अक्टूबर को निर्धारित किया गया है।
पोप ने कहा था, “उस तारीख को, मैंने एक प्रबोधन के रूप में ‘लौदातो सी’ के दूसरे भाग को प्रकाशित करने की योजना बनायी है। आइये, हम सृष्टिकर्ता के पावन उपहार के रूप में सृष्टि की देखभाल की हमारे ख्रीस्तीय भाइयों और बहनों की प्रतिबद्धता में शामिल हों।”
पोप ने वकीलों से कहा था, “पर्यावरण और जलवायु अन्याय के पीड़ितों के साथ खड़ा होना आवश्यक है, हमारे आमघर पर क्रूर युद्ध को समाप्त करने का प्रयास करना है जो एक भयानक विश्व युद्ध है। मैं आप सभी से काम करने का आग्रह करता हूँ और इसके लिए प्रार्थना करता हृँ कि यह एक बार फिर जीवन से आबाद हो सकें।''
संदेश में पोप ने कहा है कि हमें अपने हृदय में, जीवनशैली में और हमारे समाज पर प्रबल सार्वजनिक नीतियों में परिवर्तन लाने के लिए संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर लौटते हुए, सृष्टि को सिर्फ शोषण की वस्तु के रूप में नहीं देखने बल्कि सृष्टिकर्ता के पावन उपहार के रूप में उसकी देखभाल करने पर जोर दिया।
पोप ने "हमारे समाज को नियंत्रित करनेवाली और आज एवं कल के युवाओं के जीवन को आकार देनेवाली सार्वजनिक नीतियों को बदलने" की आवश्यकता पर भी जोर दिया। साथ ही धर्मसभा के महत्व पर जोर देते, उम्मीद जतायी कि "सृष्टि के इस मौसम में, हमारी साझा धर्मसभा यात्रा में हम येसु ख्रीस्त के अनुयायियों के रूप में, रह सकेंगे, काम कर सकेंगे और प्रार्थना कर सकेंगे ताकि हमारा आमघर एक बार फिर जीवन से भर जाए।"