पृथ्वी दिवस: उज्जवल भविष्य के लिए विश्व के हर कोने में पहुंचना
पृथ्वी दिवस नेटवर्क की अध्यक्ष समाज के सभी सदस्यों के लिए इस दिवस के महत्व के बारे में बात करती हैं। वे कहती हैं कि इस मामले पर एक सच्ची शिक्षा लोगों को गरीबी से बाहर निकालने और हरित अर्थव्यवस्था में लाने में मदद कर सकती है।
वाटिकन न्यूज से बात करते हुए, पृथ्वी दिवस नेटवर्क की अध्यक्ष कैथलीन रोजर्स ने कहा कि पृथ्वी दिवस, दुनिया भर में अरबों लोगों द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाता है, पर्यावरण आंदोलन में एक प्रवेश बिंदु और उन लोगों के लिए एक मान्य बिंदु है जो अपना पृथ्वी दिवस, (या सप्ताह या महीना) पर्यावरण के मुद्दों पर काम करते हुए बिताते हैं।
पर्यावरण पर शिक्षा से लेकर सामुदायिक आयोजनों, विरोध प्रदर्शनों और याचिका लेखन तक, पृथ्वी दिवस लोगों के जीवन में एक विशेष समय बनाता है। इसमें शामिल लोगों में स्कूलों में बच्चों से लेकर कस्बों और शहरों के महापौर तक शामिल हैं और जैसा कि हम संत पापा फ्राँसिस की लगातार भागीदारी से जानते हैं, जो हमारे आम घर की रक्षा के लिए लड़ाई में शामिल हैं।
"तो, यह वास्तव में सभी के लिए है" सुश्री रोजर्स कहती हैं कि इस दिन का महत्व वास्तव में अपने आप से बहुत बड़ी चीज़ में शामिल होने में सक्षम होने की सुंदरता है।
पोप फ़्राँसिस ने अपने परमाध्यक्षीय काल का एक बड़ा भाग जलवायु संकट से लड़ने के लिए समर्पित किया है और अपने विश्वपत्र, लौदातो सी', जिसे दुनिया भर में काथलिकों और गैर काथलिकों द्वारा पढ़ा और अध्ययन किया गया है। कैथलीन रोजर्स ने जलवायु आंदोलन में काथलिक कलीसिया के नेता के रूप में किए गए उनके भारी योगदान पर जोर दिया।
कैथलीन रोजर्स कहती हैं, उनका योगदान अतुलनीय रहा है, यह देखते हुए कि हालांकि जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो ने परमाध्यक्ष चुने जाने से बहुत पहले ग्रह की परवाह की, "एक बार जब वे इस महत्वपूर्ण पद पर आसीन हुए, तो पूरी दुनिया ने नोटिस लेना शुरू कर दिया।"
कैथलीन रोजर्स कहती हैं कि काथलिकों का धर्म के कारण ही प्रभाव है। "यह एक शक्तिशाली धर्म है जो सामुदायिक मूल्यों के बारे में बात करता है, अपने पड़ोसी से प्यार करने के बारे में", और यह मानवीय संदेश न केवल काथलिक कलीसिया के सदस्यों पर अपितु पूरे मानव समाज पर प्रभाव डालता है।"
इस कारण से हम विशेष रूप से पोप और हर जगह काथलिकों के प्रति आभारी हैं जो आंदोलन में शामिल हैं "क्योंकि वे उस संदेश को एक नैतिक मंच और एक कार्य मंच के रूप में ले जाते हैं।"