हथियारों में निवेश युद्ध को देता बढ़ावा, नैतिक बैंकों की चेतावनी

उत्तरी इटली के पादोवा शहर में 26 से 29 फरवरी तक "ग्लोबल अलायंस फॉर बैंकिंग ऑन वैल्यूज़" शीर्षक के अन्तर्गत एक शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में मानवता और धरती की भलाई के लिए नैतिक वित्त के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया गया।

उत्तरी इटली के पादोवा शहर में  26 से 29 फरवरी तक "ग्लोबल अलायंस फॉर बैंकिंग ऑन वैल्यूज़" शीर्षक के अन्तर्गत एक शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में मानवता और धरती की भलाई के लिए नैतिक वित्त के सिद्धांतों को अपनाने के आह्वान के साथ तमाम विश्व के लगभग 70 नैतिक बैंकों के विशेषज्ञों नें भाग लिया।

सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय शांति ब्यूरो की रिपोर्ट पर चर्चा हुई जिसमें इस तथ्य को रेखांकित किया गया कि सशस्त्र बलों और हथियारों को वित्त पोषित करने के लिए सरकारों द्वारा पिछले वर्ष आवंटित धन का आधा हिस्सा धरती पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के साथ-साथ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी कम करने के लिए पर्याप्त होगा। साथ ही सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

वाटिकन रेडियो से बातचीत में नैतिक वित्त विशेषज्ञ बारबरा सेत्ती ने कहा कि ऐसे समय में जब यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्धों ने रक्षा पर वैश्विक खर्च में 9 प्रतिशत की वृद्धि की है, हथियार उत्पादकों के मुनाफे में वृद्धि के साथ, यह शायद ही आश्चर्य की बात है कि मुख्यधारा के बैंकों की नीतियों और प्रथाओं की तुलना मूल्य-आधारित नैतिक बैंकों के साथ की जा रही है।

"बांका एथिका" नैतिक वित्त सिद्धांतों पर आधारित एक सहकारी  बैंक है, जिसके शोध से पता चला है कि 2023 में रक्षा पर वैश्विक खर्च में 9% की वृद्धि हुई है। बारबरा सेत्ती ने कहा, "रक्षा पर यह निवेश में भारी वृद्धि है।" उन्होंने यह भी कहा कि निरस्त्रीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे से यह स्पष्ट है कि "हथियारों में निवेश और युद्धों के बीच एक घनिष्ठ संबंध है।"

इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कि  यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्धों के कारण रक्षा क्षेत्र की ओर निवेश में एक मजबूत बदलाव आया है, उन्होंने कहा कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि हथियारों पर वैश्विक सरकारी खर्च 22 खरब अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि विश्व का सकल घरेलू उत्पाद का 22 प्रतिशत हिस्सा हथियारों के लिये खर्च किया जा रहा है।”

शिखर सम्मेलन से पहले, 71 से अधिक नैतिक बैंकों ने वित्तीय प्रणाली से अपना दृष्टिकोण बदलने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि उनके निवेश नैतिक वित्त के सिद्धांतों को ध्यान में रखें जो हैं, पारदर्शिता, भागीदारी, संयम और दक्षता।
सेत्ती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आगामी वर्षों में इस तरह का बदलाव किया जा सकेगा, क्योंकि पिछले दो वर्षों में सकारात्मक संकेतों से पता चलता है कि निवेश "अधिक टिकाऊ क्षेत्र की ओर" बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "एथिकल फाइनेंस ने बैंकों से हथियार और रक्षा क्षेत्रों से विनिवेश करने के लिए कहा है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि रक्षा क्षेत्रों को ईंधन देने का अर्थ है आगामी वर्षों में युद्ध को बढ़ावा देना।"

उन्होंने कहा कि "आज ज़रूरत है शांति की अर्थव्यवस्था की, युद्ध की नहीं। एक नैतिक आर्थिक प्रणाली के समर्थन के चयन की आवश्यकता है।”

उन्होंने आगे कहा, यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था है, जो विकास, पर्यावरण और सामाजिक अर्थव्यवस्था के प्रति समर्पित हो और जिसका उद्देश्य "धरती को बढ़ावा देना और धरती के लोगों को बनाए रखना हो।"