संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी : गजा पर इस्राएली हमला का विनाशकारी प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी गजा शहर पर इस्राएल के नियोजित सैन्य कब्जे के संभावित विनाशकारी परिणामों की चेतावनी दे रहे हैं
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि गजा शहर पर इस्राएल के नियोजित सैन्य कब्ज़े से पूरे क्षेत्र के नागरिकों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब इस्राएली सेना ने शहर के बाहरी इलाकों में अभियान तेज कर दिए हैं।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने एक बयान में कहा, "एक व्यापक हमले का प्रभाव विनाशकारी से भी ज़्यादा होगा - न केवल शहर के लोगों के लिए, बल्कि पूरे गजा पट्टी के लिए।" बयान में यह भी कहा गया कि हाल के दिनों में कई इलाकों पर पहले ही घातक हमले हो चुके हैं।
यूएन महासचिव अंतोनियो गुटेरेस ने आक्रमण में वृद्धि को “एक नया और खतरनाक चरण बताया।” पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, नागरिक - जो पहले से ही विस्थापित, थके हुए और सदमे में हैं - को फिर से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे मानवीय संकट और गहरा जाएगा।
इस्राएली सैनिक ने आक्रमण के पहले चरण की शुरूआत कर दी है, जिसका जिक्र सैन्य अधिकारियों ने गज़ा शहर के आसपास एक “अत्यधिक तीव्रता” के रूप में किया है।
एक वीडियो संदेश में सैन्य अधिकारियों के प्रवक्ता ने कहा, हमले तेज होंगे और उन्होंने वादा किया कि जब तक सभी बंधकों को बरामद नहीं कर लिया जाता और हमास को खत्म नहीं कर दिया जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा।
शुक्रवार को इस्राएली सुरक्षा बल ने घोषणा की कि गज़ा शहर में प्रतिदिन 10 घंटे के मानवीय सहायता ठहराव को रद्द कर दिया गया है, जिससे इस क्षेत्र को "खतरनाक युद्ध क्षेत्र" घोषित कर दिया गया है।
सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक चलनेवाला यह ठहराव 27 जुलाई से लागू था और गजा शहर, अल मवासी और देर अल-बला तक मानवीय पहुँच की अनुमति देने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूहों के साथ समन्वय किया गया था।
बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय चिंता के बावजूद, इस्राएल ने हफ़्तों तक भारी बमबारी और तोपखाने की गोलाबारी के बाद, गाजा शहर पर कब्ज़ा करने की योजना को आगे बढ़ाया है।
लाखों नागरिकों का घर, यह शहर हमास का आखिरी बड़ा गढ़ माना जाता है।