रोम के मरियम महागिरजाघर की ओर पोप फ्राँसिस का जुलूस

रोम के परमाध्यक्ष की आध्यात्मिक वसीयत के अनुसार, ताबूत को सेंट मैरी मेजर मरियम महागिरजाघर ले जाया गया। अंतिम संस्कार जुलूस ने धीमी गति से राजधानी की सड़कों से लगभग 06 किलोमीटर की दूरी तय की।
यह वही मार्ग था जिससे होकर पोप फ्रांसिस प्रायः अपनी 47 प्रेरितिक यात्राओं से पहले और बाद में सालुस पोपुली रोमानी माँ मरियम के प्रतीक के समक्ष प्रार्थना करने के लिए जाते थे। हाल ही में फरवरी और मार्च माह के दौरान अस्पताल में रहने के बाद वे यहाँ श्रद्धार्पण हेतु आये थे।
सिस्टिन चैपल की गायक मंडली के स्तोत्रों एवं भजनों के साथ पोप फ्राँसिस का ताबूत लिये जुलूस मरियम महागिरजाघर पहुँचा जहाँ समाज के कथित "अंतिम लोगों" द्वारा उनका स्वागत किया गया। ये ग़रीब और हाशिये पर जीवन यापन करनेवाले लोगों का एक समूह था, जिनका पोप फ्रांसिस के दिल में हमेशा एक विशेष स्थान रहा है। इन्हीं लोगों ने ताबूत को सेंट मैरी मेजर की वेदी पर ले जाने से पहले अंतिम श्रद्धांजलि दी।
दफ़न क्रिया
रोम के मरियम महागिरजाघर में दफ़न क्रिया निजी स्तर पर औपचारिक रूप से सम्पादित की गई। कार्डिनल कैमरलेंगो, केविन फैरेल ने परमाध्यक्षीय घराने के अध्यक्ष और परमाध्यक्षीय धार्मिक समारोहों के कार्यालय तथा लाइबेरियाई चैप्टर के रक्षक की उपस्थिति में दिवंगत सन्त पापा के ताबूत पर अपनी मुहर लगाई। सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी के अवशेषों को कब्र में रखा गया और पवित्र जल छिड़का गया।
स्वर्ग की रानी मरियम प्रार्थना के बाद, लाइबेरियाई चैप्टर के नोटरी ने दफन की पुष्टि करने वाला आधिकारिक अधिनियम तैयार किया और इसे उपस्थित लोगों के सामने जोर से पढ़ा। अधिनियम पर कैमरलेंगो कार्डिनल, परमाध्यक्षीय घराने के अध्यक्ष और परमाध्यक्षीय धार्मिक समारोहों के कार्यालय के अध्यक्ष और अंत में नोटरी द्वारा हस्ताक्षर किए गये। जैसा कि पहले ही प्रकाशित किया गया था पोप फ्राँसिस की कब्र सन्त फ्रांसिस की वेदी के निकट, "सालुस पोपुली रोमानी" आराधनालय और "स्फ़ोर्ज़ा" आराधनालय के बीच पार्श्व नैव के आला में स्थित है। रोम समयानुसार दोपहर के दो बजे इस समारोह के समापन का पूर्वानुमान लगाया गया है।
प्रसारण और सुरक्षा
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार का ख्रीस्तयाग समारोह सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित किया गया। यह वाटिकन्यूज़ की वेबसाईट, वाटिकन मीडिया के फेसबुक और वाटिकन मीडिया यू ट्यूब चैनल पर अंग्रेजी कमेंट्री के साथ भी उपलब्ध रहेगा।
कम से कम 130 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के प्रतिनिधियों सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों ने पोप फ्राँसिस की अन्तिम यात्रा में शिरकत की। इनमें, 12 शासक सम्राट और 55 राष्ट्राध्यक्ष, 14 सरकार प्रमुख और अन्य उच्च अधिकारी शामिल हैं। इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए 4,000 से अधिक पत्रकारों ने परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय से मान्यता का अनुरोध किया था।
सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण तक जानेवाला विया देल्ला कॉन्चिलियासियोने मार्ग और उसके निकटवर्ती सभी रास्ते कड़ी सुरक्षा के बीच शोक संतप्त तीर्थयात्रियों से भरे पड़े थे। कई एक ने पत्रकारों से पोप फ्राँसिस के बारे में बात की। पेरू के एक तीर्थयात्री मिगुएल वेका सुबह 7 बजे से लाइन में खड़े थे। वेका ने कहा, "वे एक बहुत ही करिश्माई सन्त पापा थे, बहुत ही मानवीय, बहुत दयालु, सबसे बढ़कर बहुत ही मानवीय।" उन्होंने कहा, "उन्हें अलविदा कहना एक बहुत ही बड़ी भावना है।" इतालवी तीर्थयात्री पास्क्वाले वेत्सा भी अपने परिवार के साथ सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण तक पहुँचे थे। उन्होंने कहा कि पोप फ्राँसिस "हर किसी के दादा की तरह थे।" "एक व्यक्ति के रूप में, एक पोप के रूप में उनकी बहुत याद आएगी। अब हम आशा करते हैं कि उनकी विरासत जारी रहेगी, खासकर शांति सम्बन्धी उनके संदेश"।
इसी बीच, वाटिकन प्रेस ने प्रकाशित किया कि शनिवार के अंतिम संस्कारी जुलूस के लिए पोप के ताबूत को फिलीपींस यात्रा के दौरान इस्तेमाल की गई पापामोबिल गाड़ी की पीठ पर रखा गया। यह वही पापामोबिल मोटर गाड़ी है जिसे सन्त पापा फ्राँसिस ने 2015 में फिलीपींस की अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान इस्तेमाल किया था। इस वाहन को इस तरह से संशोधित किया गया है कि ताबूत सन्त पेत्रुस महागिरजाघर से मेरी मेजर महागिरजाघर तक यानि उनके दफन स्थान तक लगभग 06 किलोमीटर के मार्ग पर शोकाकुल लोगों को दिखाई दे सके।