रोम एवं विश्व के नाम पोप का संदेश : ख्रीस्त जी उठे हैं!

पोप फ्राँसिस ने पास्का महापर्व, प्रभु के पुनरुत्थान महापर्व के अवसर पर वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर के झरोखे से रोम और विश्व को अपना संदेश जारी करते हुए विश्व में शांति और सांत्वना की कामना की।

प्रिय भाइयो और बहनो, पास्का महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!

आज पूरी दुनिया में दो हजार साल पहले येरुसालेम से घोषित संदेश गूंज रहा है: "नाजरेथ के येसु, जो क्रूस पर चढ़ाए गए थे, पुनर्जीवित हो गए हैं!" (मारकुस 16:6)

कलीसिया उन महिलाओं के आश्चर्य को याद करती है जो सप्ताह के पहले दिन बड़े सबेरे कब्र पर गई थीं। येसु की कब्र को एक बड़े पत्थर से बंद कर दिया गया था। आज भी, बड़े पत्थर, भारी पत्थर, मानवता की आशाओं को अवरुद्ध करते हैं: युद्ध के पत्थर, मानवीय संकटों के पत्थर, मानवाधिकार उल्लंघन के पत्थर, मानव तस्करी के पत्थर, और अन्य पत्थर भी। येसु की महिला शिष्यों की तरह, हम एक दूसरे से पूछते हैं: "कब्र के प्रवेश द्वार से हमारे लिए पत्थर कौन हटाएगा?" (मारकुस 16:3)

यह उस पास्का सुबह की विस्मयकारी खोज है: पत्थर, विशाल पत्थर, लुढ़का दिया गया था। महिलाओं का आश्चर्य हमारा भी आश्चर्य है: येसु की कब्र खुली है और वह खाली है! यहीं से सब कुछ नए सिरे से शुरू होता है! उस ख़ाली कब्र से होकर एक नया मार्ग निकलता है: वह मार्ग जिसे हममें से कोई नहीं, केवल ईश्वर ही खोल सकते हैं: मृत्यु के बीच जीवन का मार्ग, युद्ध के बीच शांति का मार्ग, नफरत के बीच मेल-मिलाप का मार्ग, दुश्मनी के बीच भाईचारे का मार्ग।

भाइयो और बहनो, येसु मसीह जी उठे हैं! वे अकेले ही उन पत्थरों को हटा देने की शक्ति रखते हैं जो जीवन का मार्ग अवरुद्ध करते हैं। जीवित प्रभु, स्वयं वह मार्ग हैं: जो जीवन की ओर ले जाता है, शांति, मेल-मिलाप और भाईचारे का मार्ग। वे उस रास्ते को खोलते हैं, जो मानवीय रूप से असंभव है, क्योंकि वही अकेले दुनिया के पापों को हर लेते हैं और हमारे पापों को माफ कर देते हैं। क्योंकि ईश्वर की क्षमा के बिना, वह पत्थर हटाया नहीं जा सकता। पापों की क्षमा के बिना, पूर्वाग्रह, आपसी दोषारोपण, यह धारणा कि हम हमेशा सही होते हैं और दूसरे गलत, बाधाओं पर काबू नहीं पाया जा सकता। केवल पुनर्जीवित मसीह, हमें हमारे पापों की क्षमा प्रदान करके, एक नवीनीकृत दुनिया के लिए रास्ता खोलते हैं।
येसु ही हमारे सामने जीवन के द्वार खोलते हैं, वे द्वार जिन्हें हम दुनिया भर में फैल रहे युद्धों के कारण लगातार बंद कर देते हैं। आज हम चाहते हैं, सबसे पहले, अपनी नजरें पवित्र भूमि के सभी ख्रीस्तीय समुदायों की ओर और पवित्र शहर येरूसालेम की ओर लगाएँ जो येसु के दुःखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान के रहस्य की गवाह है।

मेरी संवेदनाएँ विशेष रूप से दुनिया भर में कई संघर्षों के पीड़ितों के लिए हैं, जिनकी शुरुआत इज़राइल और फिलिस्तीन एवं यूक्रेन से हुई है। पुनर्जीवित येसु मसीह उन क्षेत्रों के युद्धग्रस्त लोगों के लिए शांति का मार्ग खोलें। अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के प्रति सम्मान का आह्वान करते हुए, मैं रूस और यूक्रेन के बीच सभी कैदियों के सामान्य आदान-प्रदान की आशा व्यक्त करता हूँ: सब कुछ सबके लिए!          

मैं एक बार फिर अपील करता हूँ कि गाजा तक मानवीय सहायता की पहुंच सुनिश्चित की जाए, और पिछले 7 अक्टूबर को पकड़े गए बंधकों की शीघ्र रिहाई और गाजा पट्टी में तत्काल संघर्ष विराम के लिए एक बार फिर आह्वान करता हूँ।

आइए, हम वर्तमान शत्रुता को नागरिक आबादी पर, अब तक उसकी सहनशक्ति की सीमा पर और सबसे ऊपर बच्चों पर गंभीर प्रभाव डालने की अनुमति न दें। हम उनकी आंखों में कितना दुःख देखते हैं! उन आँखों से, वे हमसे पूछते हैं: क्यों? ये सब मौत क्यों? यह सब विनाश क्यों? युद्ध हमेशा एक बेतुकापन और एक हार है! आइए, हम यूरोप और भूमध्यसागर पर युद्ध की तेज़ हवाओं को बहने न दें। आइए, हम हथियारों और फिर से हथियारबंद होने के तर्क के आगे न झुकें। शांति कभी हथियारों से नहीं, बल्कि हाथ फैलाकर और खुले दिल से बनाई जाती है।

हमें सीरिया को नहीं भूलना चाहिए, जो चौदह वर्षों से एक लंबे और विनाशकारी युद्ध के प्रभाव से पीड़ित है। इतनी सारी मौतें और गायब होना, इतनी गरीबी और विनाश, सभी से और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रिया की मांग करता है।

मेरे विचार आज विशेष रूप से लेबनान की ओर मुड़ते हैं, जिसने कुछ समय तक संस्थागत गतिरोध और गहराते आर्थिक और सामाजिक संकट का अनुभव किया है, जो अब इज़राइल के साथ अपनी सीमा पर शत्रुता के कारण और भी गंभीर हो गया है। पुनर्जीवित प्रभु प्यारे लेबनानी लोगों को सांत्वना दें और पूरे देश को मिलन, सह-अस्तित्व और बहुलवाद की भूमि बनने के अपने आह्वान में बनाए रखें।

मैं विशेष रूप से पश्चिमी बाल्कन क्षेत्र के बारे में भी सोचता हूँ, जहाँ यूरोपीय परियोजना में एकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक मतभेद विभाजन का कारण नहीं बनें, बल्कि पूरे यूरोप और पूरी दुनिया के लिए समृद्धि का स्रोत बनें।

मैं आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच होनेवाली चर्चाओं को भी प्रोत्साहित करता हूँ, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से, वे बातचीत को आगे बढ़ा सकें, विस्थापितों की सहायता कर सकें, विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के पूजा स्थलों का सम्मान कर सकें और जल्द से जल्द एक निश्चित शांति समझौता के निष्कर्ष पर पहुँच सकें।           

पुनर्जीवित येसु मसीह उन सभी लोगों के लिए आशा का मार्ग खोलें जो दुनिया के अन्य हिस्सों में हिंसा, संघर्ष, खाद्य असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से पीड़ित हैं। प्रभु आतंकवाद के सभी रूपों के पीड़ितों को सांत्वना प्रदान करें। आइए, हम उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करें जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और उन अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों के हृदय परिवर्तन और पश्चाताप के लिए प्रार्थना करें।