यूक्रेनी ग्रीक काथलिकों से पोप: ‘आपके विश्वास की परीक्षा हो रही है

पोप लियो 14वें ने स्वीकार किया कि "इस निरर्थक युद्ध के बीच" यूक्रेनी ग्रीक काथलिकों के विश्वास को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रभु का ही अंतिम निर्णय होगा और जीवन मृत्यु पर विजय प्राप्त करेगा।
पोप लियो 14 वें ने शनिवार को वाटिकन में यूक्रेनी ग्रीक काथलिकों से कहा कि भले ही आपके विश्वास की परीक्षा हो रही हो, लेकिन ईश्वर पर भरोसा बनाये रखें।
पोप ने कहा कि वे यूक्रेनी ग्रीक-काथलिक कलीसिया के प्रिय विश्वासियों को हार्दिक बधाई देते हैं, जो जयंती वर्ष के अवसर पर प्रेरित संत पेत्रुस की कब्र पर आए हैं।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए पोप लियो ने कहा, "मैं शहीद यूक्रेन के बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और विशेषकर अपने प्रियजनों के लिए शोक मना रहे परिवारों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ," उन्होंने आगे कहा, "मैं कैदियों और इस निरर्थक युद्ध के पीड़ितों के लिए आपके दुःख को साझा करता हूँ।"
मसीह पर नज़र रखें
संत पिता ने यह भी आश्वासन दिया कि वे उनके इरादों, आपके दैनिक संघर्षों और त्रासदियों, तथा सबसे बढ़कर, शांति और स्थिरता के लिए उनकी लालसा को प्रभु को सौंपते हैं, और कहा, "मैं आपको प्रोत्साहित करता हूँ कि आप सभी पुरोहित और विश्वासी साथ-साथ चलें, अपनी आँखें हमारे उद्धारकर्ता, येसु पर टिकाए रखें।"
उन्होंने कहा, "आपकी तीर्थयात्रा, विश्वास को नवीनीकृत करने, रोम के धर्माध्यक्ष के साथ संबंध और संवाद को मजबूत करने तथा उस आशा की गवाही देने की इच्छा का संकेत है जो निराश नहीं करती, क्योंकि यह पवित्र आत्मा के माध्यम से हमारे दिलों में डाले गए मसीह के प्रेम से पैदा हुई है," इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि, "जयंती हमें वर्तमान समय की प्रतिकूलताओं के बावजूद, अपने पूरे जीवन में उस आशा के तीर्थयात्री बनने के लिए बुलाती है।"
प्रभु के लिए कई सवाल
पोप लियो ने कहा, "आपके लोगों का विश्वास अब एक कठोर परीक्षा से गुजर रहा है।" "युद्ध शुरू होने के बाद से आप में से कई लोगों ने जरूर खुद से पूछा होगा: प्रभु, यह सब क्यों? आप कहाँ हैं? हमें अपने परिवारों, अपने घरों और अपनी मातृभूमि को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?"
पोप लियो ने जोर देकर कहा कि इस भयंकर परिस्थिति का सामना करते हुए, "विश्वास करने का मतलब पहले से ही सभी उत्तरों को जानना नहीं है, बल्कि यह भरोसा करना है कि ईश्वर हमारे साथ है और हमें अपनी कृपा प्रदान करते हैं कि अंतिम शब्द उन्हीं का होगा, और जीवन मृत्यु पर विजय प्राप्त करेगा।
कुँवारी मरियम से सीखना
पोप ने उनसे धन्य कुँवारी मरियम से शक्ति और साहस प्राप्त करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "कुँवारी मरियम, यूक्रेनी लोगों की प्रिय हैं, जिन्होंने अपनी विनम्र और साहसी 'हाँ' के साथ दुनिया के उद्धार का द्वार खोला, हमें आश्वस्त करती हैं कि हमारी अपनी सरल और ईमानदार, "हाँ", भी महान कार्य करने के लिए ईश्वर के हाथों में एक साधन बन सकती है।"
उन्होंने कहा, "आज "हाँ" कहने से विश्वास, आशा और शांति के नए क्षितिज खुल सकते हैं, विशेषकर उन सभी के लिए जो पीड़ित हैं।"आशा है कि प्रभु हर आंसू पोंछ देंगे।
पोप ने उनसे आग्रह किया कि वे अपने प्रियजनों, साथी देशवासियों और महिलाओं तथा उन सभी लोगों के साथ इस विश्वास को साझा करें जिन्हें प्रभु उनके मार्ग में रखते हैं, उन्होंने याद दिलाया कि जयंती सभी विश्वासियों को वर्तमान समय की प्रतिकूलताओं के बावजूद, हमें जीवनभर आशा के तीर्थयात्री बनने के लिए बुलाती है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पवित्र द्वारों से होकर गुजरने और प्रेरितों तथा शहीदों की कब्रों के पास जाने से रोम की उनकी यात्रा, उस दैनिक यात्रा का प्रतीक है, जो अनंत काल की ओर उन्मुख है, "जहाँ प्रभु हर आंसू पोंछ देंगे, और फिर कोई मृत्यु नहीं होगी, न ही शोक, न ही रोना, न ही दर्द।"
पोप लियो ने प्रार्थना करते हुए अंत में आशा की माता धन्य कुँवारी मरियम से प्रार्थना की कि वे उनका मार्गदर्शन करें और उनकी रक्षा करें। तथा उनके परिवारों, गिरजाघरों और सबी लोगों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।