बुर्किना फासो में आतंकी हमले में 15 काथलिकों के मारे गये
काथलिक धर्मप्रांत डोरी के ने पुष्टि की है कि रविवार को एस्साकेन गांव में एक आतंकवादी हमले के दौरान 15 पल्ली वासी मारे गए और दो अन्य घायल हो गए, क्योंकि अल-कायदा और तथाकथित इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े जिहादी समूह विशाल साहेल क्षेत्र में अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ा रहे हैं।
स्थानीय कलीसिया के सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार जिहादी प्रभावित बुर्किना फासो में रविवार को एक आतंकवादी हमले के दौरान रविवारीय मिस्सा समारोह में शामिल होने वाले कम से कम 15 काथलिक मारे गए।
यह हमला देश के उत्तर-पूर्वी औडालान प्रांत के एस्साकेन गांव में हुआ, जो माली और नाइजर की सीमा से लगे डोरी के काथलिक धर्मप्रांत के क्षेत्राधिकार के अंदर आता है।
धर्माध्यक्ष लॉरेंट बिर्फुओरे डाबिरे की ओर से धर्मप्रांत के विकार जनरल द्वारा जारी एक मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार, हमला स्थल पर बारह विश्वासियों की मौत हो गई, जबकि तीन ने बाद में दम तोड़ दिया और दो अन्य अस्पताल में हैं।
देश में मौत का तांडव जारी रखने वालों के लिए प्रार्थना
संक्षिप्त वक्तव्य में, विकार जनरल फादर जीन-पियरे सावाडोगो ने विश्वासियों को उन लोगों के लिए "जो विश्वास में मर गए, घायलों के उपचार के लिए और दुखी दिलों की सांत्वना के लिए" प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।
फादर जनरल ने उन लोगों के हृदय परिवर्तन के लिए प्रार्थना करने की भी अपील की, जो "देश में मौत और तबाही मचाते रहते हैं।"
उन्होंने लिखा, "इस पवित्र चालीसा काल के दौरान तपस्या और प्रार्थना के हमारे प्रयासों से हमारे देश, बुर्किना फासो को शांति और सुरक्षा मिले।"
साहेल क्षेत्र में बिगड़ती मानवीय और सुरक्षा स्थिति
25 फरवरी का हमला विशाल साहेल क्षेत्र में तथाकथित इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा से जुड़े इस्लामी आतंकवादी समूहों द्वारा किए गए अत्याचारों की एक लंबी श्रृंखला में नवीनतम है, जिसमें माली और नाइजर भी शामिल हैं, जहां आतंकवाद बहुत अधिक बढ़ गया है। पिछले 16 वर्षों में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
क्षेत्र में अधिकारी 2011 में लीबिया के गृह युद्ध के बाद से इस्लामी आतंकवादी समूहों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, जिसके बाद 2012 में उत्तरी माली पर इस्लामवादियों का कब्ज़ा हो गया। हालांकि मालियन सरकार ने फ्रांसीसी सेनाओं के समर्थन से 2013 में अधिकांश क्षेत्र को फिर से हासिल कर लिया था। 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट करने के बाद भी जिहादी विद्रोह जारी है और पड़ोसी नाइजर तथा बुर्किना फासो में भी फैल गया है, जहां अब सैन्य जुंटा का शासन है।
कलीसिया पर आतंकवाद का नाटकीय प्रभाव
2023 में एक साक्षात्कार में बुर्किना फासो और नाइजर के संयुक्त धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीईबीएन) के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष बिर्फुओरे ने एड टू द चर्च इन नीड (एसीएन) को बताया कि आतंकवाद की इस लहर के परिणाम कलीसिया के लिए भयानक हुए हैं।
कभी-कभी गिरजाघरों पर हमला करने के अलावा, आतंकवादी विदेशी मिशनरियों, पुरोहितों, सेमिनारियों और धर्मसंघी पुरुषों और महिलाओं का अपहरण भी करते हैं और हमलों के डर से विश्वासियों द्वारा बड़ी संख्या में पल्लियों को बंद कर दिया गया है।
उन्होंने पुष्टि की कि आधे क्षेत्र पर जिहादी समूहों का नियंत्रण है जो पूरे देश पर इस्लाम थोपना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "आतंकवादी इस समाज और उन सभी को मिटाना चाहते हैं जो मुसलमानों सहित इस्लाम के एक ही ब्रांड को नहीं मानते हैं, जिसका मतलब है कि आतंकवाद का लक्ष्य अब पूरा समाज है।"
उन्होंने "इस्लाम और मुसलमानों के लिए सहायता समूह" नामक जिहादी समूह को पश्चिमी अफ़्रीकी राष्ट्रों में सबसे कुख्यात बताया और कहा कि समूह का "वास्तविक लक्ष्य आज के समाज पर अत्याचार करना है, जो संवाद और सह-अस्तित्व का एक बहु-धार्मिक समाज है।"
साहेल में आतंकवाद से संबंधित मौतें वाश्विक कुल का 43 प्रतिशत हैं
2023 वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) के अनुसार, साहेल में आतंकवाद से संबंधित मौतें 2022 में वैश्विक कुल का 43 प्रतिशत थीं, जो 2007 में केवल 1 प्रतिशत थी, बुर्किना फासो और माली में आतंकवाद से होने वाली 73 प्रतिशत मौतें हुईं। साहेल में और उप-सहारा अफ्रीका में आतंकवाद से होने वाली कुल मौतों में से 52 प्रतिशत है।
दोनों देशों ने आतंकवाद में पर्याप्त वृद्धि दर्ज की, बुर्किना फासो में मौतें 50 प्रतिशत बढ़कर 1,135 और माली में 56 प्रतिशत बढ़कर 944 हो गईं। इन देशों में हमले भी अधिक घातक होते जा रहे हैं। 2021 से प्रति हमले में मारे गए लोगों की संख्या में 48 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है।
बुर्किना फासो में हिंसा में वृद्धि पड़ोसी देशों में भी फैल गई है, टोगो और बेनिन ने रिकॉर्ड पर अपना सबसे खराब जीटीआई स्कोर दर्ज किया है।