पोप फ्राँसिस रोम के पवित्र क्रूस महागिरजाघर में 100 पुरोहितों से मुलाकात की
पोप फ्राँसिस ने शुक्रवार को रोम स्थित पवित्र क्रूस महागिरजाघर (संता क्रोचे दी जेरूसालेमे) का दौरा किया जहाँ उन्होंने रोम धर्मप्रांत के 100 पुरोहितों से एक बंद कमरे में मुलाकात की।
पोप फ्राँसिस की सफेद कार शुक्रवार शाम 4 बजे पवित्र क्रूस महागिरजाघर जाने के रास्ते पर दिखाई दी।
एस्क्विलिनो जिले में ऐतिहासिक रोमन महागिरजाघर में, पोप ने रोम धर्मप्रांत के लगभग 100 पल्ली पुरोहितों, सहायक पल्ली पुरोहितों और रेक्टरों से मुलाकात की, जिसमें कुल 38 पल्लियाँ हैं।
पोप का दर्शन करने के लिए विश्वासियों का एक छोटा दल करीब 3 बजे से ही इंतजार में था।
फाटक से प्रवेश करते हुए पोप ने विश्वासियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया उसके बाद महागिरजाघर से संलग्न एक कमरे में गये जहाँ पुरोहितों से उनकी मुलाकात हुई।
पहाड़ियों की संत मरिया पल्ली के पल्ली पुरोहित और केंद्रीय क्षेत्र के प्रेरितिक समन्वयक फ्रांसेस्को पेशे 6 अप्रैल को सहायक धर्माध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद उपस्थित थे।
धर्माध्यक्ष डानिएल लिबनोरी जो पहले केंद्रीय क्षेत्र के प्रभारी थे उन्हें समर्पित जीवन के लिए पोप का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
प्रेरितिक गतिविधियों से संबंधित बातचीत
100 पुरोहितों से पोप की बातचीत करीब 2 घंटे तक चली। विकर जेनेरल बिशप बल्थाजार रेइना ने इस छोटी सभा की शुरूआत की, जिसमें स्तोत्र ग्रंथ से पाठ पढ़ा गया और उसके बात कलीसिया के प्रेरितिक क्रिया-कलाप से संबंधित सवाल जवाब हुए।
चर्चा बच्चों और विशेष रूप से बुजुर्गों की सहायता पर केंद्रित थी, जो समाज की प्रज्ञा हैं और उन्हें त्यागा नहीं जाना चाहिए बल्कि उनकी रक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बारे में भी बात की, जिनमें प्रवासी और बेघर लोग शामिल हैं जो तेर्मिनी रेलवे स्टेशन जैसे चुनौतीपूर्ण स्थान की ओर बढ़ते हैं।
पोप और पुरोहितों ने आगामी जयंती और तीर्थयात्रियों के स्वागत पर भी चर्चा की, जो दुनिया भर से आएंगे और अपना अधिकांश समय शहर के ऐतिहासिक केंद्र में बिताएंगे।
केंद्र के गिरजाघरों में अद्भुत जटिलता
पोप से मुलाकात कार्यक्रम के बाद मोनसिन्योर पेशे ने पोप के साथ बातचीत की एक झलक पेश की।
उन्होंने बतलाया कि पुरोहितों ने "अमोरिस लेतित्सिया के शब्दों का हवाला देते हुए संत पापा को रोम की कलीसिया की 'अद्भुत जटिलता' के बारे में बताने की कोशिश की, जो पूरी दुनिया का प्रतिनिधित्व करती, और जो जुबली का प्रवेश द्वार होगा।"
उन्होंने कहा, "इस मुलाकात का उत्साह तुरंत पोप के प्रति कृतज्ञता और प्रार्थना में बदल गया।" "यह समन्वय का एक महान क्षण था, सड़क का एक हिस्सा साथ-साथ चला जो हमें न केवल ऐतिहासिक केंद्र के काथलिकों बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए हमारी सेवा हेतु नई गति प्रदान करता है, जिनसे हमारी मुलाकात यहाँ हर दिन होती है।"
मोनसिन्योर पेशे ने जोर देकर कहा, यद्यपि ऐतिहासिक केंद्र में अपेक्षाकृत कम निवासी हैं, "अधिकांश रोमन यहां काम करने आते हैं, हालाँकि हमारी पल्लियों में अधिक युवा नहीं हैं, शाम के समय, रोम के सभी युवा ऐतिहासिक केंद्र में होते हैं।"
भविष्य और जुबली की ओर एक नजर
धर्माध्यक्ष रेइना ने बतलाया कि सभा “अत्यन्त सौहार्दपूर्ण रही।”
उन्होंने कहा कि पोप ने "पुरोहितों के प्रति अपने पितृत्व के साथ-साथ अपनी प्रेरितिक विशिष्टता को भी व्यक्त किया। वे एक चरवाहे हैं जिन्होंने अपना अनुभव सुनाया और ऐतिहासिक केंद्र की प्रेरितिक स्थिति के लिए बहुत उपयोगी सलाह दी। सभी पुरोहित बहुत खुश हुए।"
एक अन्य पल्ली पुरोहित फादर अलेसांद्रो के अनुसार उनकी बातचीत ऐतिहासिक केंद्र में कलीसियाओं की संभावनाओं पर हुई, समस्याओं पर नहीं, बल्कि भविष्य की दृष्टि से, जयंती की, तीर्थयात्रियों के स्वागत की, यहाँ काम करने के लिए आनेवाले रोमियों की... केंद्र में कलीसियाओं की क्षमता की, जो मृत नहीं, बल्कि जीवित और सजीव हैं।"
फादर ने कहा, “यह सचमुच एक सुन्दर मिलन था, जिसमें पोप ने हमें सकारात्मक और सौंदर्य पर नजर डालने में बहुत अधिक मदद किया।"
धर्मप्रांत के विभागों से मुलाकात
शुक्रवार की मुलाकात पोप द्वारा रोम धर्मप्रांत के पांच विभागों में की गई यात्राओं की श्रृंखला में नवीनतम मुलाकात है, जिसमें सितंबर से अप्रैल तक प्रीमावल्ले, विला वेर्दे, अचिलिया और कमस मोनास्तेरो के पड़ोस का दौरा किया गया था।
इन मुलाकातों के दौरान पोप फ्राँसिस ने 36 प्रान्तों के पल्ली पुरोहितों से बातचीत की, जिसमें प्रश्न और उत्तर शामिल थे।