पापुआ न्यू गिनी में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा शुरु
पोप फ्राँसिस ने पापुआ न्यू गिनी की अपनी प्रेरित यात्रा शुरू की, जो उनकी 45वीं विदेश प्रेरित यात्रा का दूसरा चरण है।
शुक्रवार 6 सितंबर को स्थानीय समयानुसार शाम 6:10 बजे इंडोनेशिया एयरलाइंस का विमान पोप फ्राँसिस को पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी हवाईअड्डा में उतारा, जहाँ से उनकी 45वीं प्रेरितिक यात्रा का दूसरा चरण शुरू हुआ। पोप की प्रेरितिक यात्रा का आदर्श वाक्य: "प्रार्थना करें", येसु से शिष्यों के अनुरोध से प्रेरित है "प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएं" (लूकस 11,1), जिसके साथ पापुआन ख्रीस्तीय इच्छा व्यक्त करते हैं कि वे पोप के मार्गदर्शन में प्रार्थना करना सीखें।
पापुआ न्यू गिनी के लोग उत्सुकता से पोप फ्राँसिस का इंतजार कर रहे हैं और देश भर से काथलिक लोग बड़ी संख्या में राजधानी शहर में पहुंच रहे हैं। सड़कों की कमी के कारण, दूरदराज के इलाकों से आने वाले कई लोगों को यहां पहुंचने के लिए कई दिनों तक पैदल चलना पड़ा।
ओशिनिया का द्वीप देश पापुआ न्यू गिनी इंडोनेशिया के समीप प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर क्षेत्र में द्वीपों का एक समूह है। यहाँ की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी है। केवल 60 लाख जनसंख्या वाला देश विविधताओं के देश के रूप में भी जाना जाता है। इतनी जनसंख्या में ही यहाँ लगभग 850 भाषाएँ बोली जाती है और कई धार्मिक समुदाय यहाँ निवास करते हैं। यहाँ की जनसंख्या का सिर्फ़ 18 प्रतिशत भाग शहरी क्षेत्रों में निवास करता है।
विशाल जैविक और सांस्कृतिक विविधता इस देश की विशेषता है तथा यह अपने समुद्र तटों और मूंगा चट्टानों लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, अंतर्देशीय क्षेत्र में सक्रिय ज्वालामुखी, ग्रेनाइट माउंट विल्हेम सहित घने वर्षावन हैं।
पोप जॉन पॉल द्वितीय के बाद संत पापा फ्राँसिस का आगमन
1984 में और 1995 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने पापुआ न्यू गिनी की प्रेरितिक यात्रा की थी जब वे पापुआन धर्मशिक्षक पीटर टू रोट को संत बनाने के लिए यहाँ आए थे, जो पीटर टू रोट काथलिक धर्म की शिक्षा देने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे। और अब, करीब 30 साल बाद, सन्त पापा फ्रांसिस उनके पदचिन्हों पर पुनः लौट रहे हैं।
पापुआ न्यू गिनी एक बहुसंख्यक ईसाई राष्ट्र है, जहाँ लगभग तीन में से एक व्यक्ति काथलिक धर्मानुयायी है। देश चार महाधर्मप्रांतों सहित उन्नीस धर्मप्रांतों में विभाजित है। पोर्ट मोरेस्बी के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जॉन रिबाट, एम.एस.सी. हैं।
लगभग 20 लाख काथलिकों के प्रति अपनी व्यक्तिगत निकटता लाने के अलावा, पोप फ्राँसिस प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों के प्रति भी अपना सामीप्य व्यक्त करेंगे, जो मुख्य रूप से जलवायु संकट और ग़रीबी से उत्पन्न हुए हैं।
स्मरण रहे कि पोप फ्रांसिस ने 25 मार्च 2024 को 6.9 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप से पीड़ित प्रशांत द्वीप राष्ट्र की मदद करने के लिए कई अपीलें जारी की थीं।
पापुआ न्यू गिनी में पोप के कार्यक्रम
शनिवार 7 सितंबर पूर्वाहन पोप फ्राँसिस पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में अपराहन में पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल के आधिकारिक निवास में नागर समाज के अधिकारियों और राजनायिकों से मुलाकात करेंगे। उसी दिन शाम को कारितास कल्याणकारी संगठन के तकनीकी सेकेंडरी स्कूल का दौरा करेंगे तथा सड़क पर जीवन यापन करनेवालों के बीच प्रेरिताई में संलग्न कार्यकर्त्ताओ के साथ मुलाकात और उसके बाद माता सहायिका के तीर्थालय में पापुआ न्यु गिनी और सालोमोन आइलैंड के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मबहनों, सेमिनरियों और प्रचारकों से मिलेंगे।
रविवार 8 सितंबर को सर जॉन गुइज़ स्टेडियम में पोप फ्राँसिस ख्रीस्तयाग समारोह का अनुष्ठान करेंगे। पवित्र मिस्सा के अंत में देवदूत प्रार्थना का पाठ करेंगे। अपराहन में संत पापा विमान द्वारा सवा दो घंटे की यात्रा कर वानिमो हवाई अड्डा पहुंचेंगे। पोप का स्वागत वानिमो धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष और स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। शाम को वानिमो के महागिरजाघऱ में वानिमो धर्मप्रांत के विश्वासियों से मुलाकात करेंगे। देश के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित वानिमो 11,000 की आबादी वाला एक बंदरगाह है। यह इंडोनेशिया की सीमा के पास, प्रशांत महासागर के सामने सफेद रेत के समुद्र तट से घिरे एक प्रायद्वीप पर स्थित है।
सोमवार 9 सितंबर को पोप फ्राँसिस सर जॉन गुइज़ स्टेडियम में युवाओं को संबोधित करेंगे - खेल का मैदान, जो आमतौर पर रग्बी और फुटबॉल मैचों के लिए आरक्षित होता है, संत पापा फराँसिस के आगमन पर इसे रंग-बिरंगे कपड़ों और पारंपरिक गीतों और मंत्रों के एक समूह में बदल दिया गया है, जो ओशिनिया के इस द्वीप देश की विशाल सांस्कृतिक और भाषाई विविधता की गवाही देते हैं।
पोप फ्राँसिस सोमवार सुबह युवा लोगों के साथ बैठक के साथ अपनी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे चरण का समापन करेंगे।